केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर किसान आज देश के अलग-अलग राज्यों में राजभवनों का घेराव कर रहे हैं. केंद्र सरकार दावा कर रही है कि वह आज भी आंदोलनरत किसानों से वार्ता करने को तैयार है. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को गति देने के लिए महीने में दो बार किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर लेकर दिल्ली आएंगे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार जब चाहे तब बातचीत शुरू कर सकती है. लेकिन कानून जब तक वापस नहीं लिया जाएगा हमारा आंदोलन जारी रहेगा. Farmer leader Rakesh Tikait
किसानों ने देश के कई राज्यों में किया प्रदर्शन Farmer leader Rakesh Tikait
किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर किसानों ने लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन किया. किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने बताया 1 साल से देश में अघोषित आपातकाल लगा है इसके विरोध में हम आज राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपेंगे क्योंकि किसानों का गेहूं मंडियों में सड़ रहा है. Farmer leader Rakesh Tikait
पंजाब में भी किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी ने कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर में जिला प्रशासनिक परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया हम आज पंजाब के जिला हेडक्वार्टरों में रोष मार्च करेंगे और राज्यपाल, राष्ट्रपति के नाम का मांग पत्र DC दफ़्तर को देंगे. इस बीच कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. Farmer leader Rakesh Tikait
राकेश टिकैत ने कहा आंदोलन को दी जाएगी गति
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर हमारे लोगों को उपराज्यपाल से मिलने नहीं दिया गया तो हम दिल्ली कूच करेंगे. हम कैसे जाएंगे इस पर हम अभी बैठक कर रहे हैं. हम उपराज्यपाल के पास जाएंगे. Farmer leader Rakesh Tikait
गाज़ीपुर बॉर्डर पर मीडिया को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि हमारे जिन पदाधिकारियों को पकड़ा हैं उन्हें या तो तिहाड़ जेल भेजो या फिर राज्यपाल से इनकी मुलाकात कराओ. हम आगे बताएंगे कि दिल्ली का क्या इलाज करना है. दिल्ली बगैर ट्रैक्टर के नहीं मानती है. लड़ाई कहां होगी, स्थान और समय क्या होगा यह तय कर बड़ी क्राांति होगी. राकेश टिकैत ने आगे कहा कि संसद तो किसानों का अस्पताल हैं. वहां हमारा इलाज होगा. हमें पता चला हैं कि किसानों का इलाज एम्स से अच्छा तो संसद में होता है. हम अपना इलाज वहां कराएंगे. जब भी दिल्ली जाएंगे हम संसद में जाएंगे. Farmer leader Rakesh Tikait
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