नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसान कानून को रद्द करने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच पुलिस ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास गाजीपुर में किसानों के आंदोलन स्थल पर लगे बेरिकेड को हटा दिया है. इस मामले को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा ऐलान किया है.
गाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसान आरपार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग को हटाने के मामले को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान अपनी फसल कहीं पर भी बेच सकता है. रास्ते खुलेंगे तो हम भी अपनी फसल बेचने पार्लियामेंट में जाएंगे. पहले हमारे ट्रैक्टर दिल्ली जाएंगे. हमने रास्ते नहीं रोक रखे हैं. हम आगे की योजना बनाकर बताएंगे.
दिल्ली बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने पर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि बॉर्डर स्थायी रूप से बंद नहीं रह सकते, क़ानून-व्यवस्था को देखते हुए किसान आंदोलन के चलते बैरिकेडिंग की गई थी. आम जनता को इससे काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था. किसान आंदोलन के नेताओं से बातचीत हुई. हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारी भी किसान नेताओं के साथ संपर्क में थे. तय किया गया कि बैरिकेडिंग खोलने की शुरूआत की जाए और एक सकारात्मक माहौल बनाया जाए. क़ानून-व्यवस्था से संबंधित कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो उसके लिए हमारी पूरी तैयारी है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी किसान आंदोलन स्थल पर लगे बैरिकेड्स के मुद्दे पर नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने बीते दिनों मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि सभी को आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन कोई भी रास्ता आंदोलन की वजह से ज्यादा दिनों तक बंद नहीं रखा जा सकता.
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