केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. पिछले सात माह से किसान कानून को रद्द करने की मांग कर आंदोलन कर रहे हैं. जहां किसान कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं वहीं सरकार वार्ता कर कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है. अब तक प्रदर्शनकारी किसान और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन मुद्दा का कोई हल नहीं निकला है. Farmer leader Rakesh Tikait clarified
राकेश टिकैत ने दी सफाई Farmer leader Rakesh Tikait clarified
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से कहा कि हम सरकार से बातचीत करने को तैयार है. इस मौके पर उन्होंने कृषि कानूनों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बात पर सफाई भी दी है. टिकैत ने कहा कि मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि क़ानूनों को लेकर UN (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे. हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए. अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम UN में जाएं? Farmer leader Rakesh Tikait clarified
संसद के बाहर दिया जाएगा धरना Farmer leader Rakesh Tikait clarified
किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे कहा कि भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं. 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा. 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा. 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे. Farmer leader Rakesh Tikait clarified
पहली बैठक के बाद कृषि मंत्री ने किया ऐलान
गौरतलब है कि बीते दिनों कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि किसान संघ को मैंने एक बार नहीं कई बार कहा है कि तीन कानूनों को रद्द करने के अतिरिक्त वो कोई भी प्रस्ताव लेकर हमारे पास आए हम उस प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. APMC समाप्त नहीं होगी बल्कि APMC और मजबूत हो. इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है. Farmer leader Rakesh Tikait clarified
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