मध्य प्रदेश के सिवनी में संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति की बैठक में दो आदिवासियों की हत्या पर नाराजगी व्यक्त की गई है. किसान संगठनों ने हत्या के बाद मध्य प्रदेश के गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान को बेहद निराशाजनक बताया है.
किसान संगठनों के अनुसार, गृह मंत्री के बयान में न केवल इन बर्बर हत्याओं को सही ठहराने की कोशिश की गई, बल्कि जांच और न्याय प्रणाली में लगे कर्मचारी-अधिकारियों को संकेत भी दिए गए.
बता दें कि मध्य प्रदेश के सिवन में मंगलवार को बीफ तस्करी के शक में तीन आदिवासियों को कुछ लोगों ने लाठियों से जमकर पिटाई कर दी थी. पुलिस अब तक मामले में नौ आरोपियों को हिरासत में ले चुकी है.
किसान संगठनों की बैठक में राज्य भर में इस तरह की हिंसक और असामाजिक गतिविधियों में शामिल बजरंग दल और राम सेना को आतंकवादी समूह घोषित करने और प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई. इस मामले से जुड़ी उनकी चार अन्य मांगें हैं.
1. इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद विशेष अदालत का गठन किया जाए और जल्द से जल्द सुनवाई के बाद आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
2. ऐसे उन्माद भरे वातावरण के लिए जिम्मेदार सभी तत्वों की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
3. दोनों मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता दी जानी चाहिए और दोनों मृतकों के परिवार के एक सदस्य को स्थायी सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए.
4. घटना के मुख्य गवाह बृजेश और गुंडों के हमले में घायल हुए मृतक के परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान किया जाए.
इन सभी मांगों को लेकर प्रदेश भर के किसान संगठन 9 मई को सड़कों पर उतरेंगे.
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