किसान और सरकार के बीच कल होने वाली आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा साबित हुई थी. इस बीच अब किसान 9 वें दौर की वार्ता से पहले आगे की रणनीति बनाने के लिए आज एक अहम बैठक करने का फैसला किया है. Farmers organization meeting
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 41 वां दिन है. मिल रही जानकारी के अनुसार अब से थोड़ी देर बाद किसानों का संयुक्त बैठक का आयोजन होगा.
सरकार हमें व्यापारी बनाना चाहती है, कृषि कानूनों का खेती से संबंध ही नहीं
किसान संगठनों के बीच होने वाली बैठक से पहले अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि “हमारी एक ही मांग है कि कानून वापस हो.
हम खेती करने वाले किसान हैं, सरकार हमें व्यापारी बनाना चाहती है. हम व्यापारी नहीं बनना चाहते, हम उत्पादक रहना चाहते हैं.
तीनों कानूनों का खेती के साथ कोई संबंध नहीं है व्यापार के साथ संबंध है.”
किसान नेता का दावा सरकार की नीयत साफ नहीं Farmers organization meeting
वहीं इस मामले को लेकर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है.
अगले दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा निकलने की उम्मीद नहीं क्योंकि सरकार का कहना है कि तीनों नए कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद है. Farmers organization meeting
अभी तक होने वाली वार्ता में सरकार एक कदम भी पीछे हटने की तैयारी नहीं दिखा रही है. लेकिन सरकार जबतक कानूनों को रद्द नहीं करेगी किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
आठवें दौर की बातचीत में भी नहीं निकला कोई हल Farmers organization meeting
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में कल किसान संगठनों और सरकार के मंत्रियों के बीच आठवें दौर की बैठक हुई थी. लेकिन इस बैठक में आगे का कोई रास्ता नहीं निकल पाया.
बैठक में जहां एक तरफ किसान कानून वापसी की मांग पर ही अड़े रहे और अपनी मांगे पूरी होने तक आंदोलन खत्म नहीं करने का दावा किया.
सरकार की ओर से उम्मीद जताई गई कि अगले दौर की बैठक में मुद्दे को हल कर लिया जाएगा. Farmers organization meeting
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