कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र सरकार के बीच विवाद सुलझता नहीं दिख रहा. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) आज 24वें दिन में प्रवेश कर चुका है. कड़ाके की ठंड और अपनों की जान भी किसानों (Farmers Protest) का इरादा नहीं डिगा सकी है. सरकार से किसान लगातार बात कर रहे हैं लेकिन बात कुछ बन नहीं रही है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा, ‘सरकार को बात करनी चाहिए, हम सरकार से बात करने के लिए कहां मना कर रहे हैं. फूड सप्लाई चेन को किसानों ने बंद नहीं किया है और न हमारी बंद करने की योजना है.’
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किसानों (Farmers Protest) का साफ कहना है कि चाहे कितनी ही ठंड क्यों न पड़े हम यहां से तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेती. वहीं आंदोलन के चलते आज भी दिल्ली के कई बॉर्डर बंद हैं और कई रास्ते डायवर्ट किए गए हैं.
मिल रहा समर्थन
नए कृषि कानून के विरोध (Farmers Protest) में बड़ौत में खाप चौधरियों द्वारा तीसरा मोर्चा खोला है. देशखाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह के बड़ौत स्थित आवास पर किसानों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही जारी रहा. इसके बाद किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर दिल्ली सहारनपुर हाईवे जाम करने के लिए निकल गए. शामली की गठवाला खाप के अलावा असारा कि मुस्लिम खाप पंचायत ने भी समर्थन दिया है.
आंदोलन को मिला भाजपा नेता का साथ
इस बीच सरकार के ही कुछ नेताओं ने बगावती तेवर दिखाते हुए किसान आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन भी किया है. इनमें सबसे ताजा नाम पूर्व भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह का है, जिन्होंने शुक्रवार को ही झज्जर जिले के सांपला में किसानों के समर्थन (Farmers Protest) में धरना शुरू कर दिया. बताया गया है कि धरने का आयोजन सर छोटू राम मंच के सदस्यों ने किया. चौधरी बीरेंद्र सिंह सर छोटू राम के पोते हैं.