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लोहड़ी के मौके पर सिंधु बॉर्डर पर जलाई गईं कृषि कानून की प्रतियां

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. इसी बीच लोहड़ी के मौके पर सिंघु बॉर्डर पर बुधवार शाम को प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest) ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने बताया कि आज कानून की प्रतियां जलाई गईं. पंजाब में भी कृषि कानून की प्रतियां जलाए जाने की खबर है.

गौरतलब है कि आज दिल्ली में किसानों के विरोध (Farmers Protest) का 50 वां दिन भी है. किसान संगठनो ने पहले ही घोषणा की थी कि वह लोहड़ी के मौक पर कृषि कानून के विरोध के तौर पर उसकी प्रतियां जलाएंगे.

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किसान संघर्ष समन्वय समिति ने जारी बयान में बताया कि किसान आन्दोलन (Farmers Protest) के सभी पहलुओं को तेज करने की तैयारी है. किसान संगठनों ने दिल्ली के पास के सभी जिलों से दिल्ली में गणतंत्र दिवस किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी करने का आह्नान किया है. 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के आयोजन की तैयारी है.

बार काउंसिल की अपील

उधर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि जिम्मेदार नागरिकों को अब किसानों से अपना आंदोलन (Farmers Protest) खत्म करने की अपील करनी चाहिए. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लागू करने से रोक दिया है, ऐसे में सभी को अदालत का सम्मान करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाने वालों पर भी बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आपत्ति जताई और कहा कि इससे सिद्ध होता है कि कुछ राजनेता हमारी संस्थाओं को कमजोर करने में लगे हैं.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी और चार सदस्यीय समिति का गठन किया. भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए समिति को दो महीने का समय दिया है. कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से एक हलफनामा भी मांगा कि क्या प्रतिबंधित संगठन ने आंदोलनकारी किसानों को समर्थन दिया था.

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