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30 दिसंबर को होगी सरकार और किसानों के बीच बातचीत

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) 33वें दिन में प्रवेश कर चुका है. इसी बीच केंद्र सरकार की किसानों के साथ बातचीत 30 दिसंबर को दिन में दोपहर 2:00 बजे होगी. इस बाबत केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों को एक चिट्ठी लिखी है. ये बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में होगी.

इससे पहले आंदोलनकारी किसान (Farmers Protest) संगठनों ने 29 दिसंबर को सरकार के साथ बातचीत का प्रस्ताव दिया था लेकिन सरकार ने उसे एकदिन बढ़ा दिया है.

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सरकार की तरफ से किसानों की जारी चिट्ठी में कहा गया है, “इस बैठक में आपके द्वारा प्रेषित विवरण के परिपेक्ष्य में तीनों कृषि कानूनों एवं एमएसपी की खरीद व्यवस्था के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 एवं विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में किसानों से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.”

किसानों की बैठक से पहले गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक हुई. समझा जा रहा है कि इस बैठक में आंदोलकारी किसानों (Farmers Protest) को लेकर सरकार की अगले कदम पर चर्चा हुई होगी. इससे पहले किसानों ने सरकार को 29 दिसंबर को 11 बजे 4 प्रस्तावों के आधार पर मिलने का प्रपोजल भेजा था.

सरकार नहीं मानी तो 66 दिन भी हो जाएंगे

उधर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि मंगलवार को होने वाली चर्चा हमारे एजेंडे पर होगी. हम सरकारी प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं, अब चर्चा कानून वापस लेने और स्वामीनाथन रिपोर्ट पर होनी चाहिए. अभी हमारे आंदोलन (Farmers Protest) को 33 दिन हुए हैं, सरकार नहीं मानी तो 66 दिन भी हो जाएंगे.

प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसानों के मसले पर फिर मोदी सरकार को घेरा है. प्रियंका ने कहा कि यह कहना कि यह राजनीतिक साजिश है एकदम गलत है, जिस तरह के शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं. मैंने आपको पहले भी कहा था सरकार जिस तरह के शब्द इस्तेमाल कर रही है यह पाप है. सरकार को किसानों (Farmers Protest) की बात सुननी चाहिए और यह काला कानून वापस लेना चाहिए.

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