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आठवें दौर की बातचीत में भी नहीं निकला कोई हल, सरकार के फैसले के खिलाफ अड़े किसान

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Farmers Protest Update: कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों और सरकार के नुमाइंदों के बीच बीच 8वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के मंत्रियों के बीच आज बैठक हुई लेकिन इससे भी आगे का कोई रास्ता नहीं निकल पाया. आज की बैठक में भी किसान कानून वापसी की मांग पर ही अड़े रहे. किसान नेता अपनी मांगे पूरी होने तक आंदोलन (Farmers Protest) खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं.

सरकार के मंत्रियों ने कहा कि वे एक बार फिर से किसान संगठनों (Farmers Protest) से बात करेंगे. दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी.

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सरकार के मंत्रियों के साथ वार्ता के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि  8 जनवरी 2021 को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों (Farmers Protest) को वापिस लेने पर और MSP के मुद्दे पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. उन्होंने कहा कि हमने सरकार को बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं.

किसानों को मंजूरी नहीं कमेटी

इससे पहले सरकार ने किसानों की मांगों पर विचार करते हुए तीनों कानूनों (Farmers Protest) में संशोधन के लिए संयुक्त कमेटी गठित करने पर तैयार हो गई थी. लेकिन किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. किसान संगठनों के MSP पर लिखित आश्वासन और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने कहा एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए. सूत्रों के अनुसार सरकार के इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया.

मृतक किसानों को 2-2 लाख की मदद

उधर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनयिर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सभी कांग्रेस विधायकों ने मिलकर ये फ़ैसला लिया है कि कांग्रेस विधायक दल निजी कोष से आंदोलन (Farmers Protest) में शहादत देने वाले किसानों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगा. भविष्य में भी इन परिवारों की हर संभव मदद के प्रयास जारी रहेंगे. उन्हें अधिक से अधिक मदद पहुंचाने की कोशिश होगी.

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