नई दिल्ली: पांच राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है. उसके बाद एक बार फिर से किसान आंदोलन को तेज बनाने की तैयारी की जा रही है. संयुक्त किसान मोर्चा ने 14 मार्च को एमएसपी पर एक पैनल बनाने के मुद्दे पर केंद्र के टूटे वादों के विरोध में 21 मार्च से देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का फैसला किया.
मिल रही जानकारी के अनुसार आंदोलन चरणों में शुरू किया जाएगा और दूसरे चरण के दौरान किसान 11-17 अप्रैल के बीच एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाएंगे. गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के बाद किसान आंदोलन से जुड़े लोगों ने 9 दिसंबर, 2021 को आंदोलन को निलंबित करने का फैसला किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 राज्यों के चुनावों से पहले तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था. पूरे देश के किसान एक साल से अधिक समय से विवादास्पद कृषि कानून का विरोध कर रहे थे. शुरुआत में सरकार इन कानूनों को किसानों के लिए लाभकारी बता रही थी. लेकिन किसानों ने जब सरकार के सामने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया तो मोदी सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ा.
राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर हजारों किसान कृषि कानून को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े थे. सरकार ने कानूनों को वापस ले लिया था. बावजूद इसके किसान अपनी कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखे हुए थे. इसी दौरान सरकार ने उन वादों को भी पूरा करने ऐलान किया था. लेकिन आज भी वह वादे सिर्फ सरकारी वादे नजर आ रहे हैं.
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