दक्षिण कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा के पास कल शाम अचानक बादल फटने के बाद आई आकस्मिक बाढ़ से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है. जबकि कई घायल हो गए हैं. इसके अलावा करीब 60 लोगो के लापता होने की आशंका जताई जा रही है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने अमरनाथ हादसे को लेकर सरकार और प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अमरनाथ यात्रा में जो घटना घटी है वह दुखद है. हम उम्मीद करेंगे कि सरकार इस पर जांच बैठाए कि यह कैसे और क्यों हुआ और साफ चीजें लोगों के सामने लाए. सरकार पीड़ित परिवारजनों को अच्छा मुआवाज़ा भी दे.
हादसे पर सवाल उठाते हुए फारुख अब्दुल्ला ने आगे कहा कि आज तक उस जगह पर कैंप नहीं लगाए गए थे, ऐसा पहली बार हुआ है. पंजतरणी में कोई भी कुछ नहीं लगा सकता, ऐसा हमेशा से चलता आ रहा है. मेरे हिसाब से इसकी जांच होनी चाहिए. इंसान की भी गलती हो सकती है. हम पीड़ित परिवारजनों के साथ हैं.
आईटीबीपी के मुताबिक कल शाम एक दम आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित किया गया है. ITBP ने मार्ग खोलने और सुरक्षा दलों को निचली पवित्र गुफा से पंजतरणी तक विस्तारित किया है. करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. यात्रा फिलहाल के लिए रोक दी गई है. लोगों को हम सलाह दे रहे हैं कि वह ऊपर न जाए. हालात सामान्य होने पर यात्रा फिर से शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा.
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