- सर्वधर्म प्रार्थना के साथ राफेल वायुसेना के बेड़े में हुआ शामिल
- बेड़े में शामिल होते ही अंबाला के आसमान में दिखाई अपनी ताकत
- रक्षा मंत्री ने बताया इस पल को ऐतिहासिक
- भारत की सीमा पर नजर रखने वालों को दिया कड़ा और बड़ा संदेश
सीमा पर चीन से जारी विवाद के बीच भारतीय वायुसेना को आज बड़ा सौगात मिला है. फ्रांस से आने वाले पांच लड़ाकू विमान राफेल को आज भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया.
इस मौके को यादगार बनाने के लिए अंबाला एयरबेस रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी मौजूद रहीं. सर्वधर्म प्रार्थना के बाद राफेल को 17 स्कवॉड्रन ‘गोल्डन ऐरोज’ में शामिल किया गया.
अंबाला के आसमान में दिखाई अपनी ताकत
राफेल को वायुसेना में शामिल करने से पहले वाटर कैनन से पारंपरिक सलामी दी गई है. सेना के बेड़े में लड़ाकू विमान राफेल को शामिल करने से पहले सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय सेना और के सलामती की दुआ मांगी गई.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल को बताया गेमचेंजर
इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए भारतीय सेना और देशवासियों के बधाई दिया.
उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक भागीदारी का हिस्सा है. फ्रांस के आपसी संबंधों को दर्शाता है. हम दोनों देश अपने संबंधों को बढ़ाने में कामयाब रहे हैं.
इस मौके पर उन्होंने बड़ा और कड़ा संदेश देते हुए कहा कि हमारी संप्रभुता पर नजर रखने वालों को अब उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा.
भारत को कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं. पहली खेप के तहत पांच विमान 29 जुलाई को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचा था.
बाकी पांच अन्य विमान जल्द ही भारत आने की उम्मीद जताई जा रही है. इन विमानों को उड़ाने के लिए भारतीय सेना के जवान फ्रांस में प्रशिक्षण ले रहे हैं.
दो इंजन वाले इस विमान में 3 तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं. इतना ही नहीं राफेल को पहाड़ों में कम जगह में उतर सकता है.
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