गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि अंतरराष्ट्रीय समुद्र सीमा रेखा (IMBL) के पास 15 सितंबर को राज्य के 45 मछुआरों (fishermen) और आठ नावों को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) ने पकड़ लिया.
राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में बताया गया कि पकड़े गए आठ नावों में से छह पोरबंदर से थीं, जबकि दो गिर सोमनाथ जिले से थीं. दरअसल सीएम रूपाणी का जवाब कांग्रेस के विधायक पुंजा वंश द्वारा जाहिर की गई चिंता के बाद आया.
गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल (ICG) मछली पकड़ने के लिए IMBL के पास जाने वाले गुजरात के मछुआरों (fishermen) के लिए नियमित रूप से चेतावनी जारी करता रहा है.
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उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग ने IMBL पार करने के बाद अरब सागर में नो फिशिंग जोन में जाने वाले मछुआरों (fishermen) के नाव संचालन के लाइसेंस को भी रद्द कर दिया था.
राज्य के मछुआरों के लिए उठाए गए कदम
पाकिस्तान द्वारा भारतीय मछुआरों (fishermen) को पकड़े जाने के मामलों को कम करने के लिए राज्य सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में प्रदीप सिंह ने कहा कि मछुआरों (fishermen) को अपनी नावों में जीपीएस सिस्टम लगाने के लिए 20,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है.
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि फिलहाल राज्य में 30,000 पंजीकृत नौकाओं में से 5,000 के पास जीपीएस है और राज्य ने इसके लिए सब्सिडी पर 9.76 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि 440 नावों पर ट्रांसपोंडर फिट किया गया है जिससे उन पर निगरानी करना आसान होता है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा पकड़े गए गुजरात के मछुआरों (fishermen) के परिवारों को पिछले तीन वर्षों में 569 लाख रुपये की मदद दी गई है.
क्यों हो जाती है गलती
उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि समुद्री सीमा दिखाई नहीं देती है, इसलिए गुजरात के मछुआरों (fishermen) के नियंत्रण रेखा पार करने के मामले अक्सर सामने आते हैं. लेकिन यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि ताकि सीमा पार करने पर ज्यादा से अधिक नौकाओं को चेतावनी दी जा सके.
उन्होंने कहा कि राज्य ने मछुआरों और नाव मालिकों के साथ 1,000 से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम किए गए हैं, ताकि उन्हें ऐसी स्थिति से अवगत कराया जा सके.