बेशक अभी कोरोना संक्रमण दुनियाभर के लिए बड़ा परेशानी का सबब बना हुआ हो लेकिन इसका सबसे बड़ा असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा. रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कोरोना वायरस की वजह से आने वाली मंदी को ‘अभूतपूर्व’ बताते हुए अपने वैश्विक वृद्धि दर में भारी कटौती का अनुमान लगाया है. अनुमान लगाया गया है कि यह 2009 की तुलना में दोगुनी गहरी मंदी की स्थिति होगी.
फिच का अनुमान है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आएगी. फिच के मुताबिक, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की प्रमुख वजह चीन और भारत सहित एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी गिरावट रहेगी. चीन और भारत दोनों की वृद्धि दर इस साल एक प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है.
फिच ने कहा कि दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने लॉकडाउन को बढ़ाकर आठ-नौ सप्ताह कर दिया है. पहले इसके करीब पांच सप्ताह रहने का अनुमान था. फिच ने कहा कि एक और महीने के बंद से सालाना आधार पर आय का प्रवाह करीब दो प्रतिशत घट जाएगा. फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कुल्टन ने कहा, ‘2020 में वैश्विक सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. वैश्विक अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में होगी.‘
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