महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्देश को चुनौती देने वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर उच्च न्यायालय आज शाम 5 बजे सुनवाई करेगा. महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राज्य के मुख्यमंत्री को 30 जून यानी कल सदन के पटल पर बहुमत समर्थन साबित करने के निर्देष दिए थे.
फ्लोर टेस्ट के आदेश का विरोध करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यह फैसला असंवैधानिक है और इसके जरिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इसीलिए हम सुप्रीम कोर्ट (महाराष्ट्र के राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाने के फैसले के खिलाफ) जाएंगे. यह एक गैरकानूनी गतिविधि है क्योंकि हमारे 16 विधायकों की अयोग्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. राज्यपाल को बस इसी पल का इंतजार था.
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात कर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी. इस मामले को लेकर कल भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि आज राज्यपाल जी को ई-मेल के माध्यम से और प्रत्यक्ष तौर पर हमने पत्र दिया है जिसमें कहा है कि राज्य में जो परिस्थिति दिखाई पड़ती है इसमें शिवसेना के 39 विधायक बाहर हैं और लगातार कह रहे हैं कि हम कांग्रेस, NCP की सरकार में नहीं रहना चाहते.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आगे कहा था कि इसका मतलब ये 39 विधायक सरकार के साथ नहीं हैं या महा विकास अघाडी को समर्थन नहीं देना चाहते. राज्यपाल जी को हमने कहा है चूंकि सरकार अल्पमत में दिखाई पड़ती है इसलिए तुरंत सरकार को निर्देश दिया जाए कि मुख्यमंत्री फ्लोर टेस्ट करें और अपना बहुमत सिद्ध करें.
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