गांधीनगर: गुजरात के 1987 बैच के पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा को रिटायरमेंट के 6 साल बाद राज्य सरकार प्रमोशन का आर्डर जारी कर दिया है, डीजी वंजारा 2014 में सेवानिवृत्त हो चुके थे. सरकार ने उन्हें पुरानी तारीख से प्रमोशन दे दिया. नये आदेश के बाद वंजारा 2007 से आईजी के पद पर नियुक्त हुए माने जाएंगे. ऐसे में अब उन्हें प्रमोशन के साथ-साथ तनख्वाह और पेंशन में भी फायदा मिलेगा.
गुजरात सरकार ने मंगलवार को ये आदेश जारी किया था. आईजीपी के रूप में उनकी नियुक्ति 29 सितंबर 2007 से कराई गई है. मालूम हो कि, वंजारा को पिछले साल ही सीबीआई कोर्ट ने इशरत जहां एनकाउंटर के केस में मुक्त करने का आदेश दिया था. वंजारा की दलील थी कि उन्हें इस केस में आरोपी बनाकर उनके खिलाफ दायर की गई चार्जशीट से पहले सीआरपीसी की धारा 197 के मुताबिक सीबीआई ने राज्य सरकार से मंजूरी नहीं ली, इसलिए उन्हे मुक्त किया जाए. कोर्ट ने इस मामाले में सभी पक्षकारों को सुनकर राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कार्रवाई के मुद्दे को ध्यान में रखकर डीजी वंजारा और साथी पुलिस अफसर को मुक्त कर दिया था.
2004 में अहमदाबाद पुलिस के द्वारा कतरपुर वोटर वर्कस के पास इशरत जहां, जावेद जीशान, और अमजद को मार दिया गया था. पुलिस का दावा था कि ये चारों आतंकी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के इरादे से यहां आए थे. इस मामले में इशरत जहां की मां ने गुजरात हाइकोर्ट में रिट पिटीशन दायर कर इस एनकाउंटर की जांच की मांग की थी. इसके साथ ही साथ सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के मामले में भी वंजारा पर केस चल चुका है लेकिन इन दोनों मामले से बरी होने के बाद गुजरात सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है.