पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में होने वाली हिंसक झड़प और भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही थी. जिसके बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया था कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2005-2008 के बीच पीएम राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा ट्रासंफर किया गया. इतना ही नहीं भाजपा ने ये भी आरोप लगाया था कि इसमें चीन ने भी फंड दिया था.
अब इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट में होने वाली आर्थिक अनियमितताओं के जांच के लिए अंतरमंत्रालय समिति का गठन करेगी जिसकी अध्यक्षता प्रवर्तन निदेशायल के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे.
MHA sets up inter-ministerial committee to coordinate investigations into violation of various legal provisions of PMLA, Income Tax Act, FCRA etc by Rajiv Gandhi Foundation, Rajiv Gandhi Charitable Trust & Indira Gandhi Memorial Trust.
Spl. Dir of ED will head the committee.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) July 8, 2020
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया है. यह समिति पीएमएलए, आयकर अधिनियम, एफसीआरए आदि के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के नियमों के उल्लंघन की जांच करेगी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष निदेशक समिति की अध्यक्षता करेंगे.
गौरतलब हो कि भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध को लेकर कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रही थी. जिसके बाद बीजेपी कांग्रेस पर पलटवार कर गांधी परिवार की तीन ट्रस्टों पर हमला बोला था. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि उनके कार्यकाल में 2005-2008 के बीच पीएम राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा ट्रासंफर किया गया. बीजेपी का कहना है कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने कई कॉर्पोरेट से भारी पैसा लिया था. जिसके बदले सरकार ने उन्हे ठेका दिया था.
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