Gujarat Exclusive > राजनीति > पाकिस्तान के हालात देखकर मुझे हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर फक्र होता है- गुलाम नबी

पाकिस्तान के हालात देखकर मुझे हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर फक्र होता है- गुलाम नबी

0
486

Ghulam Nabi Azad in Rajya Sabha: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो गया है. उनके सम्मान में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई सांसदों ने विदाई भाषण दिया. सदन में पीएम नरेंद्र मोदी समेत अन्य दलों के नेताओं ने गुलाम नबी आजाद की प्रशंसा करते हुए उन्हें भविष्य के लिए बधाई दी. Ghulam Nabi Azad

आजाद ने भी सभी का शुक्रिया अदा करते हुए अपने लंबे राजनीतिक अनुभवों को कुछ किस्सों के जरिए साझा किया. उन्होंने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं कि पाकिस्तान नहीं गया और मुझे अपने हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर फक्र है. Ghulam Nabi Azad

यह भी पढ़ें: 4 साल बाद घर में टेस्ट हारा भारत, इंग्लैंड ने चेन्नई टेस्ट 227 रनों से जीता

गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”मेरी हमेशा ये सोच रही है कि हम बहुत खुशकिस्मत है कि हम जन्नत यानि हिंदुस्तान में रह रहे हैं. मैं तो आजादी के बाद पैदा हुआ. लेकिन आज गुगल के जरिए और यूट्यूब के जरिए मैं पढ़ता हूं और देखता हूं. Ghulam Nabi Azad

मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गया. लेकिन जब मैं देखता हूं कि पाकिस्तान में किस तरह के हालात हैं तो मुझे हिंदुस्तानी होने पर फक्र होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं.

 उन्होंने कहा, ”आज विश्व में किसी मुसलमान को फक्र होना चाहिए तो वो हिंदुस्तान के मुसलमान को होना चाहिए.” Ghulam Nabi Azad

जम्मू रीजन से आने वाले गुलाम नबी ने बताया कि उन्होंने देशभक्ति महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और मौलाना आजाद को पढ़कर सीखी है. गुलाम नबी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और संजय गांधी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया. Ghulam Nabi Azad

इसके साथ ही गुलाम नबी ने बताया कि कश्मीर के हालात पहले कैसे हुआ करते थे और अब कितना बदलाव आ गया है. साथ ही पाकिस्तान के बारे में भी अपनी राय रखी. Ghulam Nabi Azad

कॉलेज के दिनों को किया याद

गुलाम नबी आजाद ने कहा,

‘’मैं जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े कॉलेज एसपी कॉलेज में पढ़ता था. वहां 14 अगस्त (पाकिस्तान की आजादी का दिन) भी मनाया जाता था और 15 अगस्त भी.  वहां ज्यादातर वो लोग थे, जो 14 अगस्त मनाते थे. और जो लोग 15 अगस्त मनाते थे, उनमें मैं था और मेरे दोस्त थे. हम प्रिंसिपल और स्टॉफ के साथ रहते थे. इसके बाद हम दस दिन तक स्कूल नहीं जाते थे क्योंकि पिटाई होती थी. मैं उस स्थिति से निकलकर आया हूं.”

विश्व के मुस्लमानों पर क्या बोले

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 30-35 सालों में अफगानिस्तान से लेकर इराक तक, कुछ सालों पहले देखें तो मुस्लिम देश एक-दूसरे से लड़ाई करते हुए खत्म हो रहे हैं, वहां कोई हिंदू या ईसाई नहीं है, वो लोग आपस में ही लड़ रहे हैं. गुलाम नबी ने कहा कि पाकिस्तान के समाज में जो बुराइयां हैं, खुदा करे वो हमारे मुसलमानों में कभी न आए.

गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें