कोरोना वायरस का खौफ के बीच देश में मांसाहारी खाने को लेकर अफवाहों का दौर चरम पर है. इसी की वजह से पोल्ट्री उद्योग बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया है. होली के मौके पर पोल्ट्री उद्योग में शामिल लोग इसके सुधरने की उम्मीद जता रहे थे लेकिन हालात जस के तस बने रहे. लोगों के मुर्गे से मोहभंग होने का फायदा सब्जी व्यापारियों को मिल रहा है. होली में सब्जियों की बिक्री में तेजी आई है. हरी सब्जी और गोभी की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है लेकिन कटहल ने बिक्री के मामले में रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की थोक मंडी में पिछले तीन दिनों में 350 टन के करीब कटहल बिका. अगर पिछले साल के होली के दिनों में कटहल के बिक्री की बात करें तो इसकी 200 गुना ब्रिकी अधिक हुई है. गोरखपुर मंडी में थोक के व्यापारियों का कहना है कि बंगाल, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश और केरल से यहां पर कटहल आए हैं. थोक मार्केट में सबसे मंहगा बंगाल का कटहल बिक रहा है जो करीब 50 रुपए किलो है. वहीं फुटकर मार्केट में 120 रुपए किलो तक कटहल बिक रहा है जबकि केरल से आया कटहल थोक मार्केट में 20 से 25 रुपए किलो तो फुटकर में 60 रुपए किलो तक बिक रहा है. होली में सिर्फ कटहल ही नहीं और भी सब्जियों में बिक्री तेज हुई है, हरी सब्जी और गोभी की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है.
होली में कोरोना के कारण मांसाहारी की बिक्री बहुत कम हुई है जिसकी वजह से इसका असर प्याज मार्केट पर भी देखने को मिल रहा है. प्याज के थोक विक्रेताओं का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल प्याज आधा भी नहीं बिका है. हालांकि महंगाई भी प्याज के अधिक नहीं बिकने का एक कारण हो सकता है. पिछले साल प्याज जहां 15 से 20 रुपए किलो मिल रहा था. वहीं इस साल प्याज 35 से 40 रुपये किए बिक रहा है.
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