श्रीलंका में गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की। गृहयुद्ध के दौरान विवादित रक्षा सचिव रहे गोटबाया ने सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास को 13 लाख से अधिक मतों से पराजित किया। गोटबाया की जीत राजपक्षे परिवार को फिर से देश की सत्ता में ले आई है। आधिकारिक नतीजों के मुताबिक, राजपक्षे को 52.25 प्रतिशत (6,924,255) वोट मिले जबकि प्रेमदास को 41.99 प्रतिशत (5,564,239) वोट हासिल हुए.
गोटबाया राजपक्षे एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं, जिन्होंने उस दौरान श्रीलंका के रक्षा विभाग की कमान संभाली थी, जब उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे राष्ट्रपति (2005-2015) थे। इसके अलावा जब श्रीलंका ने 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ अपना युद्ध समाप्त किया तब भी वह रक्षा विभाग के प्रमुख रहे.
हालांकि, महिंदा राजपक्षे की साल 2015 की हार के बाद इस परिवार का राजनीतिक भविष्य लुप्त होता दिखाई दे रहा था, लेकिन इस साल 21 अप्रैल को ईस्टर के रोज हुए हमलों के बाद से गोटबाया की स्थति काफी मजबूत हुई है. इन हमलों में 269 लोग मारे गए थे।
चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खुद को सिंहली बौद्ध बहुमत के राष्ट्रवादी और चैंपियन के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि अप्रैल के हमलों के मद्देनजर मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा का वादा भी किया। दूसरी ओर लिट्टे द्वारा मई 1993 में मारे गए 1989 में राष्ट्रपति बने रणसिंघे प्रेमदासा के पुत्र साजित प्रेमदासा ने मुस्लिम और तमिल अल्पसंख्यकों के लिए लड़ने की बात कही थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी
Congratulations @GotabayaR on your victory in the Presidential elections.
I look forward to working closely with you for deepening the close and fraternal ties between our two countries and citizens, and for peace, prosperity as well as security in our region.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2019