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सरकार का बड़ा फैसला, सार्वजनिक जगहों पर अब गुजराती भाषा को मिलेगी प्राथमिकता

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गांधीनगर: गुजराती भाषा के प्रचलन को बढ़ाने के लिए गुजरात सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. खेल, युवा एवं संस्कृति विभाग द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर राज्य के सभी 8 महानगरों के सरकारी कार्यालयों, परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर लिखे गए नाम को गुजराती भाषा में अनिवार्य रूप से लिखने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही निजी क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थानों पर गुजराती भाषा को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है. राज्य के सभी 8 नगर निगमों के आयुक्तों को इसे लागू करने का निर्देश दिया गया है.

21 फरवरी सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाएगा. जिसके तहत गुजरात सरकार ने गुजराती मातृभाषा दिवस से पहले एक अहम फैसला लिया है. ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर अंग्रेजी में निर्देश वाले बोर्ड देखते थे, लेकिन अब से ये बोर्ड गुजराती भाषा में दिखाई देंगे. इस निर्देश का पालन अनिवार्य कर दिया गया है. अंग्रेजी भाषा की बढ़ते चलन के बीच गुजराती भाषा को जीवित रखने का सरकार का यह प्रयास काबिले तारीफ है.

गुजराती किन जगहों पर अनिवार्य है?

सिनेमा
थिएटर
बैंक्वेट हॉल
स्कूल कॉलेज
सुपरमार्केट
शॉपिंग मॉल
अस्पताल
होटल-रेस्तरां-कैफे
बैंक
पुस्तकालय
गार्डन

गुजराती किन महानगरों में अनिवार्य है?

अहमदाबाद
वडोदरा
राजकोट
सूरत
भावनगर
जामनगर
जूनागढ़
गांधीनगर