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गुजरात एक्सक्लूसिव इम्पैक्ट: सरकार ने वियन कुमार को GSPC से किया बाहर

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  • जीएसपीसी के एमडी संजीव कुमार ने विनय कुमार के रिटायरमेंट का जारी किया आदेश
  • नौकरी जारी रखने के लिए की गई कोशिश का विनय कुमार को नहीं मिला फायदा

अनिल पुष्पांगदन, गांधीनगर: गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (जीएसपीसी) के समूह कार्यकारी निदेशक विनय कुमार को आखिरकार सरकार ने सेवानिवृत्त घोषित कर दिया है.

विनय कुमार की सत्ता की लालच उन्हीं को भारी पड़ गई है.

जीएसपीसी बोर्ड ने विनय कुमार को 3 साल का एक्सटेंशन देने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी थी. जिसे सरकार ने खारिज कर दिया था और 29 अक्टूबर को उन्हें जीएसपीसी के सभी पदों से मुक्त कर दिया गया.

विनय कुमार शनिवार 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे. विस्तार पाने और अपनी नौकरी जारी रखने के लिए उन्होंने काफी जोर- आजमाइश की. लेकिन वह सफल नहीं हुए और अंततः सेवा से कानूनी रूप से सेवानिवृत्त होना पड़ा.

गौरतलब हो कि 23 अगस्त को गुजरात एक्सक्लूसिव ने अपनी एक रिपोर्ट में विनय कुमार किस तरीके से एक्सटेंशन पाना चाहते हैं उसका पर्दाफाश किया था.

जिसके बाद मामला दिल्ली पीएमओ और गांधीनगर सीएमओ तक पहुंच गया था. परिणामस्वरूप, जीएसपीसी के इतिहास में किसी को भी एक्सटेंशन न देने की परंपरा जारी रही.

जीएसपीसी के इतिहास में एक्सटेंशन नहीं देने की परंपरा जारी

जीएसपीसी की स्थापना के बाद से कंपनी के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को विस्तार नहीं दिया गया. यह परंपरा अभी भी जारी रही.

31 अक्टूबर को सेवानिवृत्ति का वक्त आ जाने के बावजूद विनय कुमार ने सत्ता की लालच में गंदा खेल खेला था.

विनय कुमार अपने आईएएस अधिकारी साथियों के पहचान का फायदा उठाकर जीएसपीसी के एमडी संजीव कुमार के माध्यम से अपने तीन साल के विस्तार की मांग की थी.

विनय कुमार ने इसके लिए कड़ी मेहनत की और जीएसपीसी के पूर्व आईएएस अधिकारियों की मदद भी ली थी. उनकी सभी सेवाएँ GSPC के खर्च से पूरी की गई थी.

उसके बाद पिछले अगस्त में विनय कुमार के विस्तार की फाइल राज्य सरकार के पास पहुंची थी. इस मामले में जीएसपीसी के एमडी संजीव कुमार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया.

इसलिए, जीएसपीसी के अध्यक्ष और सरकार के मुख्य सचिव अनिल मुकीम भी विनय कुमार को विस्तार देने के पक्ष में थे.

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केवल 20 महीने के अनुभव पर पदोन्नत किया गया

विनय कुमार 1999 में अनुबंध के आधार पर एक वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में GSPC में शामिल हुए और केवल 20 महीने के अनुभव के आधार पर पदोन्नत हो गए.

इस मामले की शिकायत RTI के द्वारा दिल्ली PMO और गांधीनगर में मुख्यमंत्री कार्यालय को की गई थी.

फरियादी आरटीआई एक्टिविस्ट ने सबूत पेश कर दावा किया था कि विनय कुमार की नियुक्ति और पदोन्नति गलत तरीके से की गई थी. जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया.

दूसरी ओर गांधीनगर में भी मुख्यमंत्री कार्यालय विनय कुमार को विस्तार देने को तैयार नहीं था क्योंकि यह मामला विवादास्पद बन चुका था.

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विस्तार पाने के लिए विनय कुमार दिल्ली भी गए और वहां जाकर नौकरी जारी रखने के लिए काफी कोशिश भी की थी. लेकिन उन्हें इसका कोई फल नहीं मिला. अंत में, 29 अक्टूबर को, जीएसपीसी के एमडी संजीव कुमार ने खुद विनय कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी किया.

जीएसपीसी में किसे नई जिम्मेदारी दी गई?

जीएसपीसी के एमडी संजीव कुमार ने इसके साथ जीएसपीएल के जनरल मैनेजर प्रोजक्ट प्रकाश कार्निक को आईटी और एचएसई विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है.

जबकि जीजीएल के कार्यकारी उपाध्यक्ष पीयूष उपाध्याय को एचआर और एडमिन का प्रभार दिया गया है. जीएसपीएल के डीजीएम केपी राधाकृष्णन को ऑपरेशन और मेन्टिनेंश का प्रभार दिया गया है.

जबकि जीएसपीएल के उपाध्यक्ष राजेश्वरी शर्मा को लीगल डिपार्टमेंट का प्रभार दिया गया है.

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