भारत की 2018 बाघ गणना ने कैमरा ट्रैपिंग के जरिये दुनिया का सबसे बड़ा वन्यजीव सर्वेक्षण का कीर्तिमान बनाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई है. इसको एक महान क्षण बताते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट किया करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत का जीता जागता उदाहरण है, जिसे प्रधानमंत्री के शब्दों में संकल्प से सिद्धि के माध्यम से हासिल किया गया है.
अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2018 के चौथे चक्र में देश में 2,967 बाघों या विश्व के कुल बाघों की 75 प्रतिशत संख्या का अनुमान लगाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल विश्व बाघ दिवस के मौके पर इसके परिणामों की घोषणा की थी.
जावड़ेकर ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने लक्ष्य से चार साल पहले ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया है. अखिल भारतीय बाघ अनुमान अब गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण के तौर पर दर्ज हो गया है. वास्तव में एक महान क्षण और यह आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार उदाहरण है.’’
Under the leadership of PM @narendramodi, India fulfilled its resolve to double tiger numbers 4 years before the target through #SankalpSeSiddhi. @GWR @PMOIndia pic.twitter.com/ChnPkCEzUG
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) July 11, 2020
भारत ने 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले का संकल्प लिया था. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के के मुताबिक, “2018-19 में किए गए सर्वेक्षण की चौथी गणना संसाधन और डेटा दोनों के हिसाब से अब तक का सबसे व्यापक रहा है. कैमरा ट्रैप (मोशन सेंसर्स के साथ लगे हुए बाहरी फोटोग्राफिक उपकरण, जो किसी भी जानवर के गुजरने पर रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं) को 141 विभिन्न साइटों में 26,838 स्थानों पर रखा गया था और 1,21,337 वर्ग किलोमीटर (46,848 वर्ग मील) के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया.
कैमरा ट्रैप ने वन्यजीवों की 3,48,58,623 तस्वीरों को खींचा (जिनमें 76,651 बाघों के, 51,777 तेंदुए के बाकी अन्य जीवों थे). इन तस्वीरों के माध्यम से, 2,461 बाघों (शावकों को छोड़कर) की पहचान स्ट्राइप-पैटर्न- रिकॉग्नाइज सॉफ्टवेयर का उपयोग करके की गई.
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