गांधीनगर: गुजरात की रूपाणी सरकार द्वारा 21 जून को शुरू किए गए टीकाकरण अभियान के सात दिनों के भीतर हवा निकल गई है. पिछले सात दिनों में सूरत में टीकाकरण में 75 फीसदी की कमी आई है. इतना ही नहीं बल्कि वैक्सीन की कमी के चलते 50 फीसदी टीकाकरण केंद्रों में भी कमी कर दी गई है. Gujarat 50% vaccination centers closed
गुजरात के प्रमुख शहरों में वैक्सीन की कमी Gujarat 50% vaccination centers closed
अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा जैसे शहरों में टीके की कमी होने की खबरें आ रही हैं. लोग टीकाकरण केंद्र में आ रहे हैं लेकिन लोगों को बिना टीका के लोगों को वापस जाना पड़ रहा है. रूपाणी सरकार केवल बड़ी-बड़ी बातों और लक्ष्यों में और अपनी ही वाहवाही लूटने में दिलचस्पी लेती दिख रही है. जबकि हकीकत यह है कि अन्य राज्यों की तरह गुजरात में भी वैक्सीन की कमी से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है. Gujarat 50% vaccination centers closed
कम किए गए 50 फीसदी टीकाकरण केंद्र Gujarat 50% vaccination centers closed
गुजरात सरकार के पास जहां पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं है वहीं सरकार ने व्यापारियों और दुकानदारों के लिए 30 जून तक वैक्सीन को अनिवार्य कर दिया है. टीका लेने के लिए दुकानदार और व्यापारियों को धक्के खाना पड़ रहा है. गुजरात सरकार की लापरवाह नीतियों की वजह से पूरे राज्य में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है. इस बार भी टीकाकरण पर सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं दिखाई दे रही है.
टीकाकरण अभियान के महज सात दिनों में प्रमुख शहरों में टीकाकरण केंद्रों की संख्या कम कर दी गई है. जबकि वैक्सीन की कमी से लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है. कोरोना की डेल्टा प्लस वेरिएंट ने केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. Gujarat 50% vaccination centers closed
आईसीएमआर के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर की घोषणा के बावजूद गुजरात सरकार टीकाकरण को लेकर संवेदनशील नहीं दिखा रही है. इसलिए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में एक बार फिर गुजरातियों की जिंदगी संकट में पड़ सकती है. Gujarat 50% vaccination centers closed
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