अभिषेक पाण्डेय, अहमदाबाद: धार्मिक कट्टरता की पहचान बन चुके हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है.
पार्टी की जिम्मेदारी गुजरात के पूर्व एमएलए साबिर काबलीवाला के कंधे पर दी गई है. Gujarat AIMIM president in temple
नई जिम्मेदारी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों साबिर काबलीवाला का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में काबलीवाला गणेशजी की आरती करते नजर आ रहे हैं.
मुस्लिम-मस्जिद और दीन के एजडें को आगे रखकर राजनीति करनेवाली AIMIM पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का ताजा वीडियो उनके गले की फांस बन सकता है. Gujarat AIMIM president in temple
यह वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर वायरल हे लेकिन गुजरात एक्सक्लूजिव पुष्टि नहीं करता. Gujarat AIMIM president in temple
आगामी दिनों में आयोजित होने वाले नगर निगम चुनाव की बात करें तो वडोदरा में सिर्फ एक मुस्लिम पार्षद चुना गया था. वहीं राजकोट में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को कामयाबी नहीं मिली थी.
भावनगर की बात की जाए तो भावनगर नगर निगम में 2 मुस्लिम पार्षद चुने गए थे. सूरत में 4 मुस्लिमों को कामयाबी मिली थी.
सबसे ज्यादा अहमदाबाद नगर निगम में 20 मुस्लिम पार्षद चुनकर नगर निगम पहुंचे थे. लेकिन इस बार होने वाले सीमांकन में गुजरात की बीजेपी सरकार ने कुछ इस अंदाज में सीमांकन किया है कि मुस्लिम बहुल इलाकों को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया है. Gujarat AIMIM president in temple
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है इस बार मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व नए सीमांकन के बाद कम हो जाएगा ऐसे में अगर ओवैसी की पार्टी इन जगहों पर उम्मीदवार उतारती है तो पूरी संभावना है कि मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हो और बड़े आसानी के साथ भाजपा के उम्मीदवारों को जीत मिल जाएगी. Gujarat AIMIM president in temple
साबिर काबलीवाला जो ओवैसी की पार्टी के नवनियुक्त अध्यक्ष बने हैं. उनकी हरकतों की वजह से कांग्रेस ने 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया था.
काबलीवाला अक्सर बीजेपी आलाकमान के इर्द गिर्द चोरी छुपे घूमते हुए नजर आ जाया करते हैं. Gujarat AIMIM president in temple
ऐसे में उनका प्रदेश अध्यक्ष बनने पर ओवैसी की पार्टी गुजरात में भाजपा की बी टीम होने के आरोपों को बल मिलता है.
आरोप-प्रत्यारोप के बीच देखना दिलचस्प होगा कि, क्या गुजरात के मुस्लिम काबलीवाला पर भरोसा करते हैं या नहीं?
साथ ही साथ इम्तियाज जलील और वारिश खान के स्वागत में काबलीवाला ने जिस तरह गुंडे और गुर्गों की फौज जमा की थी उसके बाद सभ्य-सुशिक्षित मुस्लिम समाज AIMIM के साथ आएगा यह भी विचारणीय है? Gujarat AIMIM president in temple
पढ़े लिखे मुस्लिम, धंधेदार समाज और सुशिक्षित मौलाना मौलवी काबलीवाला को अपना सहयोग देंगे?
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