गांधीनगर: आधा दर्जन से ज्यादा राज्य जहां एक तरफ नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं. वहीं केरल सरकार ने विधानसभा में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश कर केरल में इसे नहीं लागू करने का ऐलान कर दिया है.जबकि दूसरे कई राज्यों में इस कानून को लेकर विचार-विमर्श किये जा रहे हैं. ऐसे में जानकारी मिल रही है कि गुजरात सरकार इस कानून को जल्द से जल्द लागू करने का प्लान बना रही है. इसके लिए बाकायदा विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है.
केरल की दूसरे राज्य भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कोई विधयक या प्रस्ताव ना पास कर सकें इसके लिए केन्द्र सरकार इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का प्लान बना रही है वहीं गुजरात सरकार विधानसभा में इसके समर्थन में विधेयक पारित करने की तैयारी बनाकर 10 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है, ताकि केंद्र के इस कानून के पक्ष में वैधानिक तरीके से माहौल बनाया जा सके. गुजरात में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू करने की भी तैयारी बताई है.
गुजरात विधानसभा का तीन दिन का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर को ही समाप्त हुआ था, लेकिन इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा व राज्यसभा में पारित किए गए नागरिकता संशोधन कानून को गुजरात में लागू करने और इस कानून की रुपरेखा तैयार करने के लिए10 जनवरी को विशेष सत्र बुलाया गया है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कई मौकों पर स्पष्ट कह चुके हैं कि गुजरात में सीएए व एनआरसी दोनों ही कानून लागू होंगे. हालांकि एनआरसी को लेकर फिलहाल केंद्र सरकार भी आश्वस्त नहीं है, लेकिन गुजरात सीएए के समर्थन में खड़ा नजर आना चाहता है, ताकि देश में सीएए के पक्ष में माहौल बनाया जा सके. लेकिन सभी के बीच देखना दिलचस्प होगा कि पूरे देश में इस कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस के गुजरात के विधायक क्या रवैया विधानसभा में अख्तियार करते हैं.