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बीजेपी के गढ़ में लग सकता है सेंध: नई गाइडलाइन से खाड़िया- मणिनगर के दिग्गजों का कटेगा टिकट

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अहमदाबाद: स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने टिकट की दावेदारी करने वालों को बड़ा झटका दिया है. पार्टी के फैसले के अनुसार तीन टर्म और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा. पार्टी के इस फैसले से खाड़िया और मणिनगर जिसे भाजपा का गढ़ कहा जाता था वहां सेंध लग सकता है. जबकि साबरमती में भी दो नगरसेवकों के टिकट भी काट जाएंगे. Gujarat BJP verdict loss

पार्टी के फैसले से भाजपा के गढ़ में लग सकता है सेंध

पूर्वी अहमदाबाद में शामिल खड़िया के तमाम चारों नगरसेवक के साथ मणिनगर के तीन और साबरमती से दो पूर्व पार्षदों को नई गाइडलाइन के बाद टिकट नहीं दिया जाएगा. बीजेपी के इस फैसले से कई नगरसेवकों को इस बार के स्थानीय निकाय चुनावों में टिकट नहीं मिलेगा. 1995 के बाद से मयूर दवे, कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट सहित पार्षदों का वार्ड में वर्चस्व रहा है. इसी वार्ड के पूर्व विधायक भूषण भट्ट ने अपने बेटे के लिए टिकट मांगा है. लेकिन किसी रिश्तेदार को टिकट नहीं देने के फैसले से वार्ड में नया चेहरा सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है. 1995 के बाद पहली बार इस वार्ड में नए चेहरे को नगरसेवक के रूप में चुना जाएगा. Gujarat BJP verdict loss

23 नगरसेवकों का कट सका है पत्ता

इसी तरह मणिनगर वार्ड में भी निशा झा और रमेश पटेल तीन टर्म से चुनाव जीतते हुए आ रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में पार्टी की सेवा करने वाले इन लोगों को यहां की जनता अच्छा उम्मीदवार मानती है. जबकि अमूल भट्ट 60 साल से अधिक उम्र के हैं. इसलिए यहां भी तीनों नगरसेवक नए होंगे. अभी भी इस बात को लेकर सस्पेंस बना हुआ है कि शीतल डांग को रिपीट किया जाएगा या नहीं. Gujarat BJP verdict loss

नए फैसले से कुछ वार्ड के पार्षदों को मिलेगा फायदा

तीन से लगातार जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने के निर्णय के सबसे ज्यादा नए पश्चिमी जोन के थलतेज, घाटलोडिया, गोता, जोधपुर, बोडकदेव सहित वार्डों के नगरसेवकों को होने वाला है. क्योंकि इन सभी वार्डों को 2007 के बाद नगर निगम में शामिल किया गया है. इन वार्डों से अधिकतम जीतने वाले नगरसेवकों के केवल दो कार्यकाल पूरे हो सकें. हालांकि, आयु बाधा और दोहराने के सिद्धांत के आधार पर मौजूदा नगरसेवकों को टिकट मिलेगा या नहीं इसे लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. Gujarat BJP verdict loss

60 साल से अधिक उम्र वालों को टिकट नहीं देने के फैसले का असर सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ेगा Gujarat BJP verdict loss

भाजपा संसदीय बोर्ड के फैसले से अहमदाबाद सहित स्थानीय निकाय चुनावों में 60 वर्ष से अधिक आयु के नगरसेवकों को टिकट नहीं देने का फैसला किया है. अहमदाबाद में इस निर्णय से अधिकांश महिलाएं प्रभावित होंगी. अहमदाबाद में 60 वर्ष से अधिक आयु की 23 नगरसेवकों का पत्ता कट जाएगा. जिनमें 14 महिलाएं और 9 पुरुष नगरसेवक शामिल हैं. महिला नगरसेवकों की शिकायत यह है कि कार्यकर्ताओं के रूप में पार्टी में शामिल होने के बाद 50 साल की उम्र में टिकट दिया जाता है. जबकि 60 साल पूरा होने पर कोई पद मिलता है. Gujarat BJP verdict loss

अध्यक्ष के ऐलान के बाद पार्टी में शुरू हुआ विवाद Gujarat BJP verdict loss

स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने टिकट बंटवारे को लेकर बड़ा ऐलान किया है. गांधीनगर में होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने ऐलान करते हुए कहा कि 60 साल से ज्यादा उम्र के कार्यकर्ताओं के साथ 3 टर्म से जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया जाएगा. इतना ही नहीं पार्टी ने फैसला किया है कि भाई भतीजावाद को खत्म करने के लिए नेता अपने परिवार के अन्य सदस्य के लिए टिकट की मांग ना करें. Gujarat BJP verdict loss

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