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आर्थिक चुनौतियों निपटने के लिए हमने की है खास तैयारी- गुजरात के सीएम विजय रुपाणी

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पूरा भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है. कोरोना के कारण तालाबंदी से भारत की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. लॉकडाउन के कारण उद्योग-व्यापार पर ताला लगा रहा. सरकारों की आमदनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कई राज्यों की सरकारों ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता की मांग की है.

ऐसे में उद्योगों के स्तर पर विकसित गुजरात सरकार की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए क्या रणनीति है, कोरोना से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है? न्यूज चैनल आज तक के कार्यक्रम  ई-एजेंडा में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इन सभी पहलुओं पर खुलकर बात की. मुख्यमंत्री रुपाणी ने कहा कि आने वाले दिनों में आर्थिक चुनौतियों से हम किस तरह पार पा सकते हैं, इसकी रणनीति तैयार करने के लिए हमने एक कमेटी बनाई है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप हम ग्रीन जोन से शुरुआत करेंगे. महानगर की सीमा के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योगों को काम शुरू करने की इजाजत दे दी गई है, जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं. तकरीबन आठ लाख मजदूरों के साथ उद्योगों ने काम शुरू भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि महानगर में भी एक्सपोर्ट के ऑर्डर जिनके पास हैं, ऐसे उद्योगों को 25 अप्रैल से काम करने की अनुमति दे दी गई है.

गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी ने कहा कि चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि लॉकडाउन सबके लिए नया अनुभव था. हमने टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए इसे सफल बनाया. हमने सीसीटीवी नेटवर्क का उपयोग करते हुए हालात की मॉनिटरिंग की. उन्होंने कहा कि जो चर्चा चल रही थी कि वेंटिलेटर कम हैं, एन 95 मास्क नहीं मिल रहा, पीपीई किट की कमी है. ऐसे में प्रदेश के उद्योगपतियों ने 10 दिन में वेंटिलेटर बना दिया. भारत सरकार ने भी वेंटिलेटर बनाने का ऑर्डर दिया है.

सीएम रुपाणी ने अपने घर वापस जाने के लिए सूरत में प्रवासी मजदूरों के सड़क पर आ जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि यह पूरा इंडस्ट्रियल तौर पर डेवलप स्टेट है. सूरत लघु भारत है. यहां अलग-अलग राज्यों के काफी लोग हैं. उन्होंने कहा कि हमने भारत सरकार से मजदूरों को घर जाने की इजाजत देने की मांग की थी. अब अनुमति मिल गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दो ट्रेनें सूरत से ओडिशा और दो ट्रेनें अहमदाबाद से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को लेकर जाएंगी. उन्होंने कहा कि 5-7 दिन में घर जाने के इच्छुक श्रमिक अपने गृह राज्य भेज दिए जाएंगे.

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