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स्कूल के बाद कॉलेज की फीस पर लटकती तलवार, संचालकों ने कम करने से किया इनकार

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  • स्कूल की फीस में 25 फीसदी की कटौती
  • गुजरात सरकार कॉलेज की फीस में कटौती की बना रही तैयारी
  • कॉलेज संचालकों ने फीस कम करने से किया इनकार

गांधीनगर: गुजरात सरकार की फीस विनियमन समिति (एफआरसी) ने स्कूल की फीस कम करने के बाद कॉलेज की फीस कम करने को लेकर राय मांगी है.

एफआरसी ने फीस में कटौती के मुद्दे पर कॉलेजों की राय मांगी है. इस संबंध में इंजीनियरिंग डिप्लोमा कॉलेज के संचालकों ने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में फीस को कम करना संभव नहीं है.

सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फीस कम करने को नहीं तैयार

इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फीस में किसी भी प्रकार की कटौती करने के लिए तैयार नहीं हैं. लेकिन इतना जरूर कहा कि इस साल फीस में वृद्धि नहीं की जाएगी.

कॉलेजों संचालकों का कहना है कि फीस कम करना उनके लिए संभव नहीं है क्योंकि वे इंटरनेट, वेतन खर्च और अन्य बुनियादी ढाँचे का खर्च पहले से ही उठा रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों गुजरात सरकार ने अभिभावकों की मांग पर प्राइवेट स्कूल की फीस में 25 फीसदी कटौती का फैसला किया था.

सरकार के इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए स्कूल संचालक काफी मुश्किल से सहमत हुए थे. ऐसा लग रहा है कि गुजरात सरकार को अब कॉलेज स्तर पर इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.

कॉलेज संचालकों का तर्क: इन्फ्रा पर खर्च ज्यादा

कॉलेज संचालकों ने फीस में कटौती के मामले को लेकर कहा कि स्कूल की तुलना में बुनियादी ढांचे पर कॉलेज में खर्च ज्यादा होता है. इसके अलावा आईटी सेवाओं पर भी अधिक शुल्क देना पड़ता है.

स्कूलों को इस खर्च का वहन नहीं करना पड़ता इसलिए स्कूलों के साथ कॉलेज की फीस की तुलना नहीं की जा सकती.

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इसलिए स्कूल फीस में राहत दे सकते हैं. लेकिन कॉलेजों के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा. हमारे यहां पढ़ने वाले प्रोफेसरों को काफी ज्यादा सैलरी देनी पड़ती है.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षकों को लाने के लिए एक अच्छा कोष आवंटित करना पड़ता है. इसके अलावा आधारभूत संरचना को अप-टू-डेट रखना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर उसे जुर्माना भी भरना पड़ता है.

इसके साथ ही कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए हर साल वेतन बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए आय का एकमात्र स्रोत छात्र की फीस है अगर यह कम हो जाएगा.

तो कॉलेज चलाना उनके लिए असंभव हो जाएगा. कॉलेज इतना कर सकती है कि जो छात्र फीस देने की स्थिति में नहीं हैं उन्हें राहत दिया जा सकता है.

लेकिन एफआरसी सभी को एक डंडे से नहीं हांक सकती.

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