2002 में होने वाले गुजरात सांप्रदायिक दंगा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दोषियों की जमानत की अर्जी मंजूर कर ली है. ये सभी सरदारपुरा नरसंहार केस में दोषी करार दिए गए थे. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने दोषियों की जमानत मंजूर करते हुए इस अवधि के दौरान उनको सामाजिक कार्य करने को कहा. साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि वे जमानत पर रहने के दौरान गुजरात में दाखिल नहीं होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को दो अलग-अलग बैच में रखा. एक बैच को इंदौर और एक बैच को जबलपुर भेजा. सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को कहा कि जमानत पर रहने के दौरान वो सामाजिक काम और धार्मिक काम करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर और जबलपुर में विधिक अधिकारियों से कहा है कि वो जमानत के दौरान दोषियों द्वारा आध्यात्मिक और सामाजिक कार्य करने को सुनिश्चित करें.
2002 Gujarat riots case: Supreme Court grants bail to 14 convicts in the Sardarpura village case. A Bench headed by Chief Justice SA Bobde grants bail to the convicts & asks them to do social service during the duration of the bail. pic.twitter.com/qN36C30iha
— ANI (@ANI) January 28, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों से उन्हें आजीविका के लिए काम करने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को अनुपालन रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है. साथ ही जमानत के दौरान उनके आचरण पर भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. दरअसल गोधरा के बाद इन दंगे में 33 लोगों की जान गई थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने 14 को बरी किया था और 17 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और इन्हीं 17 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील पेंडिंग होने का हवाला देकर जमानत मांगी थी.