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राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग का डर, पार्टी विधायक राजस्थान रवाना

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गांधीनगर: गुजरात में चार सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों जोर-आजमाइश में जुटे हुए हैं, लेकिन इस बीच एक मास्टर स्ट्रोक से कांग्रेस की नींद उड़ गई है. भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व नेता नरहरि अमीन को अपना तीसरा उम्मीदवार बनाया है. इसके कारण गुजरात की चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव दिलचस्प हो गया है. कांग्रेस ने अपने विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए जयपुर और उदयपुर ले जाने का काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस विधायक शनिवार शाम सात बजे जयपुर के लिए रवाना होंगे.

35 कांग्रेस विधायक अहमदाबाद हवाई अड्डे से शाम 7: 10 बजे जयपुर के लिए प्रस्थान करेंगे, जबकि कुछ विधायक कार से उदयपुर जाएंगे. कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग से बचने के लिए एहतियात अपने विधायकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का फैसला किया है. मालूम हो कि इससे पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों को लेकर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था.

भाजपा ने कांग्रेस की चिंता बढ़ाई

राज्यसभा चुनाव के लिए तीसरे उम्मीदवार अमीन को मैदान में उतारकर भाजपा ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. इसके अलावा एनसीपी और बीटीपी विधायक भी बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं. गुजरात से चार राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों ने शुक्रवार को नामांकन पत्र भरा. इससे पहले भाजपा ने वकील और आरएसएस कार्यकर्ता अभय भारद्वाज और पूर्व विधायक रमीला बारा के नामों की घोषणा की थी. हालांकि, बाद में कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री भरत सिंह सोलंकी और बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को अपना उम्मीदवार घोषित किया. उसके बाद भाजपा ने वरिष्ठ नेता नरहरि अमीन को मैदान में उतारकर चुनाव को रोमांचक बना दिया है. 2012 तक नरहरि अमीन कांग्रेस में थे, लेकिन विधानसभा का टिकट न मिलने के कारण वे भाजपा में शामिल हो गए. राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पिछड़ने के बाद बीजेपी इस नुकसान की भरपाई के लिए तीनों राज्यसभा सीटें जीतने की कोशिश कर रही है.

गुजरात विधानसभा में भाजपा के पास 103 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं. दो उम्मीदवारों के लिए मतदान करने के बाद भाजपा के पास तीसरे उम्मीदवार के लिए अतिरिक्त 29 वोट मौजूद है. ऐसे में भाजपा को जीत के लिए अभी भी 7-8 वोटों की जरूरत है. गौरतलब है कि अगस्त 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस अपने विधायकों को बेंगलुरु ले गई थी.

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