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राजकोट में पहली बार अशांत धारा कानून लागू, घर बिक्री और खरीद के लिए कलेक्टर से लेनी होगी मंजूरी

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राजकोट: अगले महीने गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव होने की संभावना है. इस बीच राजस्व विभाग ने राजकोट में अशांत धारा कानून को लागू कर दिया है. Gujarat Disturbed Areas Act

जिसके अनुसार शहर के रैया रोड, एयरपोर्ट रोड और रेसकोर्स रिंग रोड पर मौजूद 28 से ज्यादा सोसायटियों में अशांत धारा कानून लागू करने के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई है.

राजकोट में लागू किया गया अशांत धारा कानून  Gujarat Disturbed Areas Act

गुजरात सरकार के राजस्व विभाग ने राजकोट के रैया रोड, एयरपोर्ट रोड और रेसकोर्स रिंग रोड पर मौजूद छोटु नगर, निरंजन सोसायटी, नेहरू नगर, सिंचाई नगर, इनकम टैक्स सोसायटी, अवंतिका पार्क जैसी सोसायटियों में अशांत धारा कानून को लागू किया गया.

इस अधिसूचना के अनुसार, अशांत धारा कानून लागू होने के बाद, इन इलाकों में जमीन या अन्य संपत्तियों के मालिकों को अपनी संपत्ति बेचने से पहले कलेक्टर की मंजूरी लेनी होगी.

राजकोट में अशांत धारा कानून को पहली बार लागू किया गया था. 13 जनवरी 2021 से 12 जनवरी 2026 तक यह कानून लागू रहेगा. Gujarat Disturbed Areas Act

2026 तक लागू रहेगा कानून Gujarat Disturbed Areas Act

राज्य के नागरिकों को शांति और सुरक्षा प्रदान करने के लिए अशांत धारा कानून को बनाया गया था.

इस कानून में शामिल इलाकों में अगर कोई मालिक अपनी जमीन या संपत्ती बेचना चाहता है तो उसे पहले कलेक्टर से मंजूरी लेनी पड़ती है. Gujarat Disturbed Areas Act

कानून का उल्लंघन करने पर 3 से 5 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना या संपत्ति का 10 प्रतिशत का जुर्माना देने का प्रावधान किया गया है.

इस कानून के तहत कोई भी मुसलमान किसी भी हिंदू इलाके में घर, दुकान या जमीन नहीं खरीद सकता है. यही कानून हिंदुओं पर भी लागू होता है. Gujarat Disturbed Areas Act

इस बिल को विधानसभा के पिछले बजट सत्र के दौरान पेश करते हुए, जहां भाजपा ने दावा किया कि कानून को कड़ा करने के बाद जबरदस्ती संपत्ति की खरीदो-फरोख्त पर काबू पाया जाएगा.

वहीं इस बिल को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना था कि गुजरात सरकार जब दावा कर रही है कि गुजरात में शांति और भाईचारा है तो फिर इस कानून को सख्त बनाकर कर एक बार फिर से क्यों लागू कर दिया. अहमदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता इस कानून को काला कानून बता रहे हैं.

गुजरात में लागू अशांत धारा कानून को लेकर गुजरात हाईकोर्ट के वकील उवैश मलिक का कहना है कि ये हिन्दुस्तान के नागरिकों को मिलने वाले संवैधानिक अधिकार का हनन करता है इसलिए इसे कानून कहना है गलत है. Gujarat Disturbed Areas Act

वहीं दूसरे कुछ लोग बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहते हैं कि जब केन्द्र की बीजेपी सरकार जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाकर जम्मू-कश्मीर को समान दर्जा देने का दावा कर रही है तो फिर गुजरात में ऐसा कानून दिन ब दिन नये नये इलाकों में लागू कर हिन्दू और मुस्लिमों के बीच दूरियों की खाईयां क्यों बढ़ा रही है.

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