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नवरात्रि में गरबा के बाद दशहरा में सार्वजनिक रूप से फाफड़ा-जलेबी खाने पर प्रतिबंध

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  • फाफड़ा-जलेबी के दुकानदार कारोबार में 50 फीसदी की गिरावट से चिंतित
  • खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दुकानदारों से नियमों का पालन करने का किया आग्रह
  • सरकार इससे पहले नवरात्रि में होने वाले गरबा पर लगा चुकी है प्रतिबंध

अहमदाबाद: नवरात्रि में गरबा खेलने पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब गुजरात सरकार दशहरा के त्योहार पर दुकानों के बाहर सार्वजनिक रूप से फाफड़ा-जलेबी और चोलाफली खाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

कोरोना काल में सरकार एक के बाद एक दिशानिर्देश जारी कर रही है. सरकार के निर्देश के बाद, खाद्य और औषधि विभाग ने मिठाई और नमकीन एसोसिएशन को इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है.

कोरोना महामारी से बचाव के लिए दुकान पर होने वाली भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से यह फैसला लिया गया है. टेक और सिस्टम पर जोर दिया जाएगा.

सभी दुकानों पर कोविड -19 के दिशानिर्देश का बैनर

सरकार के इस फैसले ने लोगों को भ्रमित कर दिया है और फाफडा-जलेबी के दुकानदार चिंतित हैं कि इस बार कारोबार आधा हो जाएगा.

फरसाण एसोसिएशन के अनुसार, खाद्य और औषधि विभाग के अधिकारियों से बातचीत के बाद फैसला लिया गया है कि तमाम दुकानों पर कोरोना को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों का बैनर लगाया जाएगा.

ताकि सरकारी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके.

जब तक दवा नहीं है, तब तक ढिलाई नहीं है

एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर शेठ ने कहा कि दशहरा के त्योहार को लेकर खाद्य और औषधि विभाग से बात करने के बाद, सभी व्यापारियों ने मास्क, सामाजिक दूरी और सैनिटाइज़र के इस्तेमाल का बैनर लगाने का निर्देश दिए गए हैं.

“जब तक दवा नहीं है, तब तक ढिलाई नहीं” का पोस्टर भी हर फाफड़ा-जलेबी की दुकान पर लगाने का निर्देश दिया गया है.

दशहरा पर 400-500 करोड़ का कारोबार

फरसाण व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि दशहरा पर हर साल, गुजरात में लोग 400 से 500 करोड़ रुपये का फाफडा-जलेबी और चोलाफली खाते हैं.

लेकिन इस बार नियमों के अलावा कोरोना की वजह से आर्थिक बाधाओं के कारण व्यवसाय लगभग 200 करोड़ रुपये का हो सकता है. कोरोना के डर की वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

साथ ही साथ तालाबंदी की वजह से आर्थिक परेशानी की वजह से भी लोग इस साल दशहरा में फाफडा जलेबी कम खाएंगें.

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