दियोदर के किसानों ने पानी की मांग को लेकर नए आंदोलन का ऐलान कर दिया है. अखात्रीज के दिन से किसान दियोदर प्रांतीय कार्यालय पर धरना देंगे. सुजलाम सुफलाम नहर से पानी देने की मांग को लेकर किसानों ने अब सख्त रवैया अपनाया है. किसान अखात्रीज के दिन धरती की पूजा कर आंदोलन शुरू करेंगे.
सुजलाम सुफलाम नहर से पानी नहीं मिलने पर किसानों ने चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी दी है. गर्मी के दिनों में पैदा हुई पानी की किल्लत को लेकर किसान अब आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं. अखात्रीज के दिन बड़ी संख्या में किसान दियोदर प्रांत कार्यालय पहुंचेंगे. जहां वे सुजलाम सुफलाम नहर से पानी की आपूर्ति की मांग को लेकर धरना देंगे.
जिस देश में प्रधानमंत्री किसानों के लिए बड़े फैसले लेने की बात कर रहे हैं, वहां के मुख्यमंत्री राज्य के किसानों के हितों की बात कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि देश के किसान आज भी पानी की समस्या से लगातार परेशान हैं. जिसकी वजह से कभी-कभी आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं.
अभी से पानी को लेकर दिक्कतें शुरू
गौरतलब है कि गर्मियों में गुजरात में जलस्तर गिर जाता है जिसकी वजह से गर्मी शुरू होते ही लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पानी की मांग को लेकर किसान सड़कों पर उतर रहे हैं. इस बीच आने वाले सीजन में कम बारिश की आशंका से किसान परेशान हो गए हैं. गुजरात में पिछले साल 32.56 इंच के साथ औसतन 98.45 प्रतिशत बारिश हुई थी. ऐसे में अगर इस साल मानसून सीजन में बारिश कम होगी तो लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. मॉनसून सीजन कमजोर होने की वजह से गर्मी के सीजन में लोगों को जलस्तर में ज्यादा गिरावट से परेशानी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
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