लोक रक्षक दल के मुद्दे को लेकर गुजरात सरकार बुरी तरह से घिरती दिखाई दे रही है. पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से उम्मीदवार राज्य सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है, और गुजरात की विजय रूपाणी सरकार पर मामले को लेकर ध्यान नहीं देना का आरोप लगा रहे है. ऐसे में पिछले दो महीने से आंदोलन करने वाले आंदोलकारियों के जीत की खबर सामने आ रही है. गुजरात सरकार ने लोक रक्षक दल में भर्ती में 1 अगस्त 2019 के परिपत्र को रद्द करने का फैसला लिया है.
मिल रही जानकारी के अनुसार गुजरात में लोक रक्षक दल की भर्ती प्रक्रिया में मेरिट लिस्ट के मामले को लेकर महिला उम्मीदवार पिछले 70 दिनों से राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में आंदोलन कर रही हैं. इस आंदोलन को विभिन्न समाज के नेताओं के साथ ही साथ गुजरात सरकार के कई विधायकों, मंत्रियों और सांसदों का समर्थन मिलने के बाद गुजरात सरकार की परेशानी बढ़ गई थी.जिसके बाद आंदोलन कर रहे नेताओं के साथ सरकार ने बैठक के बाद बड़ा फैसला किया है. इस फैसला के तहत राज्य सरकार ने 1-8-18 परिपत्र को रद्द कर दिया है और अब इसमें संशोधन कर नया परिपत्र जारी किया जाएगा. इससे पहले सरकार मामला हाईकोर्ट में कहकर अपना पल्ला झाड़ रही थी. लेकिन बढ़ती नाराजगी के बाद सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा.
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने प्रदर्शनकारी नेताओं के साथ एक बैठक की. इस मौके पर भाजपा नेता अल्पेश ठाकोर, कुंवरजी बावलिया सहित कई अन्य बीजेपी के नेता मौजूद रहे.