गांधीनगर: गुजरात में कोरोना वायरस की दूसरी लहर हर गुजरते दिन के साथ खराब होती जा रही है. सरकारी अस्पतालों में कोरोना रोगियों की भरमार नजर आ रही है.
कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कोरोना के मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं.
लेकिन एक साल पहले जब कोरोना महामारी फैल रही थी तभी डीसीजीए ने चेतावनी दी कि गुजरात में ऑक्सीजन की कमी होगी. लेकिन इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए रूपाणी सरकार सोती रही.
गुजरात सरकार ने DCGA की चेतावनी को किया नजरअंदाज Gujarat Government DCGA Warning
एक साल पहले ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGA) ने गुजरात सरकार को चेतावनी देते हुए लिखा था कि जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऑक्सीजन की कमी होगी.
इसलिए गुजरात सरकार को इसकी पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए. लेकिन रूपाणी सरकार इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए सोती रही. Gujarat Government DCGA Warning
अगर राज्य सरकार कोरोना के खिलाफ पहले से ही तैयारी कर लेती तो गुजरात को आज इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता.
रूपाणी सरकार ने नहीं की तैयारी
अहमदाबाद सहित राज्य में ऑक्सीजन की भारी कमी है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई मरीज मर रहे हैं. Gujarat Government DCGA Warning
महामारी पर अंकुश लगाने के लिए गुजरात सरकार ने कुछ भी नहीं किया. डीसीजीए ने गुजरात सरकार के खाद्य और औषधि आयुक्त को एक पत्र लिखकर औद्योगिक ऑक्सीजन संयंत्रों में चिकित्सा ऑक्सीजन के उत्पादन को मंजूरी देने के लिए सूचित किया था.
इतना ही नहीं उसने औद्योगिक इकाइयों को नए लाइसेंसों को मंजूरी देने के लिए भी कहा था.
ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGA) ने गुजरात सरकार को चेतावनी दी थी कि कोरोना महामारी की वजह से चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग काफी बढ़ जाएगी.
अगर पहले से इसे लेकर तैयारी नहीं की गई तो मरीजों को ऑक्सीजन से वंचित होना पड़ेगा. Gujarat Government DCGA Warning
DCGA की चेतावनी के बावजूद गुजरात सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई जिसकी वजह से गुजरात के लोगों को आज इन परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है.
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