दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में गुजरात से करीब डेढ़ सौ लोगों ने धार्मिक जलसे में भाग लिया था. इनमें से 83 की पहचान कर स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जबकि 68 लोगों की तलाश के लिए खुफिया एजेंसी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की मदद ली जाएगी. गुजरात सरकार के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने हाईकोर्ट में यह जानकारी दी.
गुजरात उच्च नयायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रमनाथ की खंडपीठ ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक जलसे में शामिल होकर गुजरात आए मुस्लिम धर्म प्रचारकों के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुजरात सरकार को जवाब तलब किया था.
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि गुजरात से मुस्लिम समाज के कितने लोगों ने तबलीगी जमात के जलसे में शिरकत की तथा कोरोना जैसी महामारी फैलने के बावजूद इनको बिना स्क्रीनिंग राज्य में वापस कैसे आने दिया गया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण को लेकर उठाए जा रहे ऐहतियात के कदम की भी जानकारी मांगी.
राज्य सरकार के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को बताया कि गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, भावनगर, आणंद, आदि शहरों से करीब डेढ़ सौ लोग दिल्ली के तबलीगी जमात के मरकज में आयोजित सालाना जलसे में शामिल हुए थे. त्रिवेदी ने बताया कि विविध शहरों में बसे इस तबलीगी जमात के इन लोगों की तलाश कर 83 की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. त्रिवेदी ने बताया कि कुछ लोग अभी तक चिन्हित नहीं किए जा सके हैं. इनकी संख्या करीब 68 बताई जा रही है. त्रिवेदी ने बताया कि खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की मदद ली जाएगी.
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