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रूपाणी सरकार ने गरीब-सामान्य परिवार को लेकर लिया एक और महत्वपूर्ण निर्णय

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अहमदाबाद: कोरोना संकट के इस दौर में सबसे ज्यादा परेशान सामान्य और गरीब वर्ग के लोग हुए है. अब उनके लिए राज्य की रूपाणी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.

राज्य के गरीब और सामान्य परिवारों के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 10 लाख परिवारों को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है.

तालाबंदी के दौरान भी इन परिवारों को राहत दर में अनाज दिया गया था.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिया जाएगा अनाज

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस फैसले से लगभग 50 लाख गरीब और आम लोगों को फायदा मिलेगा. अब इन सभी परिवारों को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) का सभी लाभ मिलेगा.

रूपाणी के सरकार के इस फैसले की वजह से राज्य के तमाम विकलांग, गंगा स्वरूपा बहन, वृद्धावस्था पेंशन सहायता योजना के लाभार्थियों को भी खाद्य वितरण का लाभ दिया जाएगा.

NFSA में शामिल नहीं BPL कार्डधारक परिवारों को भी अब खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ मिलेगा.

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इस योजना के तहत इन लोगों को भी मिलेगा लाभ

राज्य के शहरों और गांवों में रहने वाले रिक्शा चालकों, छकड़ा, मिनी टेम्पो चालक जो हर दिन कमा कर रोटी खाते हैं. ऐसे लोगों को इस योजना में शामिल कर लिया गया है.

इतना ही नहीं इस योजना का लाभ निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत श्रमिकों को भी रियायती दरों पर खाद्यान्न प्रदान करने का फैसला किया गया है.

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस योजना की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने और लाभार्थियों को अनाज वितरण का लाभ देने का निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना वायरस की वजह से लागू की गई तालाबंदी की वजह से खाने-पीने की समस्या पैदा हो गई थी.

जिसके बाद गुजरात सरकार ने 1 अप्रैल से उचित दर की दुकानों के जरिए लगभग 60 लाख राशन कार्डधारी परिवारों को मुफ्त में गेहूं, चावल, दालें और चीनी जैसी खाद्य सामग्री मुहैया कराने का फैसला किया था.

इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार के हर व्यक्ति को 3.5 किलो गेहूं, डेढ़ किलो गेहूं और एक-एक किलो दाल, गेहूं चीनी और नमक देने का फैसला किया था.

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