अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने हेलमेट पहने के मामले को लेकर एक बार से फिर यू-टर्न लिया है. गुजरात हाई कोर्ट में हेलमेट पहनने से दी गई छूट के मामले को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका पर होने वाली सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट में सरकार ने अदालत के सामने कहा कि हेलमेट से आजादी को लेकर सरकार की और कोई परिपत्र जारी नहीं किया गया है. बता दें कि गुजरात सरकार पहले शहरी क्षेत्रों से हेलमेट कानून को हटा दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
गुजरात हाई कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में मांग की गई कि मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए. हाईकोर्ट ने परिवहन सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. हेलमेट पहनने से दी जाने वाली छूट को लेकर याचिकाकर्ता की ऐसा निर्णय जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर किया गया है. अदालत के दस्तावेजों में कहा गया है कि हेलमेट अनिवार्य है. दूसरी ओर सरकार की ओर से यह कहा गया था कि हेलमेट पहनना अनिवार्य नहीं है. ऐसे में सरकार के बदले इस रवैये से दुपहिया वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
गैरतलब हो कि गुजरात के परिवहन मंत्री आरसी फाणदू ने 4 दिसंबर को कहा था कि राज्य सरकार ने देखा है कि शहरी क्षेत्रों में वाहनों की गति अपेक्षाकृत कम होती है और सड़कों पर स्पीडब्रेकर भी काफी होते हैं. इतना ही नहीं शहरी क्षेत्रों में यात्रा करने वाले लोगों कुछ दूरी का सफर करते हैं इसलिए शहरी इलाकों में हेलमेट पहनना मन चाहा बना दिया था.