गांधीनगर: केंद्र की मोदी सरकार ने बीते कुछ माह से महंगाई की मार झेल रही आम जनता को दिवाली के मौके पर राहत दी है. केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपया एक्साइज ड्यूटी घटाने का ऐलान किया था. मोदी सरकार के इस ऐलान के बाद कई बीजेपी और एनडीए शासित राज्यों ने भी टैक्स में कटौती करने का ऐलान किया है. गुजरात सरकार भले ही इसे दीवाली का तोहफा करार दे रही है. लेकिन सरकार ने सिर्फ 8 माह में 11 करोड़ से ज्यादा की कमाई सिर्फ पेट्रोल और डीजल से की है.
पेट्रोल-डीजल सस्ता हो गया है क्योंकि केंद्र सरकार करों में कटौती कर दी है मोदी सरकार के इस फैसले की सराहना हो रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अगर न केवल केंद्र बल्कि राज्य सरकार भी कर कम करती है, तो गुजरात के लोगों को पहले से ही पेट्रोल-डीजल सस्ता मिल सकता था. आज गुजरात पेट्रोल और डीजल पर वैट से सालाना 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई करता है. संक्षेप में पेट्रोल और डीजल पर वैट लगाकर सरकार सरकारी खजाने को भर रही है.
मार्च से मई के बीच पेट्रोल की कीमतों में 13 रुपये और डीजल में 16 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी. अब लोग मांग कर रहे हैं सरकार को उस मूल्य वृद्धि को वापस लेना चाहिए. बीजेपी सरकार ने 2021 में पिछले छह महीनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 57 बार बढ़ोतरी की थी. गुजरात में पेट्रोल और डीजल पर 25 फीसदी वैट लगता है. गुजरात सरकार ने पिछले दो वर्षों में पेट्रोल से 8321.96 करोड़ रुपया और डीजल से 18,530 करोड़ रुपये की कमाई की है.
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