अहमदाबाद: गुजरात में कोरोना महामारी के बढ़ते आतंक पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही है. इस बीच हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ ने मामले को लेकर कुछ सुझाव पेश किए हैं.
संघ ने कहा है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद आज भी आरटी-पीसीआर परीक्षण के परिणाम आने में अधिक समय लग रहा है. Gujarat HC Advocates Association Suggestion
इतना ही आदिवासी इलाकों में परीक्षण के अभाव से उचित उपचार भी लोगों को नहीं मिल रही है. इस मामले की सुनवाई कल गुजरात उच्च न्यायालय में होगी
कोरोना मामले की कल हाईकोर्ट में होगी सुनवाई Gujarat HC Advocates Association Suggestion
गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अनुसार, राज्य में नर्मदा, व्यारा, पालनपुर, छोटा उदयपुर और सुरेंद्रनगर की स्थिति कोरोना की वजह से गंभीर बन गई है.
गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में PHC केंद्र हैं लेकिन कोई विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं. इतना संघ ने सुझाव दिया गया है कि सुरेंद्रनगर के गाँव के अस्पताल में आज भी वेंटिलेटर की कमी है.
हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ ने कोर्ट को दिया सुझाव Gujarat HC Advocates Association Suggestion
हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ ने कोर्ट को सुझाव देते हुए बताया है कि गुजरात में तालुका स्तर पर केवल 50 एंटीजन का परीक्षण किया जा रहा है. Gujarat HC Advocates Association Suggestion
इतना ही नहीं छोटा उदयपुर में सीटी स्कैन सेंटर की भी कमी है. इसलिए सवाल उठता है कि गुजरात बुनियादी सुविधाओं के बिना कोरोना का मुकाबला कैसे करेगा.
गुजरात में कोरोना की वजह से स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. गुजरात हाईकोर्ट कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर आज एक बार फिर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है.
कोर्ट ने रूपाणी सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि असलियत और सरकारी दावे में भारी अंतर दिखाई दे रहा है.
कोर्ट ने कहा कि सब सही होने का दावा करने के बावजूद दैनिक मामलों में कमी दर्ज क्यों नहीं की जा रही. Gujarat HC Advocates Association Suggestion
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