अहमदाबाद: गुजरात में कोरोना महामारी के बढ़ते आतंक पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही है. Gujarat High Court AMC reprimand
आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ से मांगे गए सुझावों पर चर्चा की गई. मामले की सुनवाई के दौरान एक बार फिर से उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की खिंचाई की है.
कोरोना मामले पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई Gujarat High Court AMC reprimand
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य में कोरोना के संचरण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इस संबंध में राज्य द्वारा एक विस्तृत हलफनामा दायर किया गया था.
अहमदाबाद में एम्बुलेंस का मुद्दा भी आज उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान भी उठाया गया. Gujarat High Court AMC reprimand
नगर निगम ने कुछ दिन पहले फैसला लिया था कि कोरोना संक्रमित मरीज को 108 एंबुलेंस से जाने पर ही इलाज के लिए भर्ती किया जाएगा.
इस फैसले का काफी विरोध होने के बाद निगम ने इस फैसले को रद्द कर दिया था.
एक बार फिर गुजरात सरकार की कोर्ट ने की खिंचाई Gujarat High Court AMC reprimand
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि 108 से जाने वाले रोगियों को ही अस्पताल में एडमिट करने का निर्णय अहमदाबाद नगर निगम का था.
इसपर उच्च न्यायालय ने कहा क्या राज्य सरकार का निगम पर कोई नियंत्रण नहीं है? नगर निगम राज्य सरकार की नीति का पालन क्यों नहीं कर रहा है?
एंबुलेंस के लिए मरीजों को 48-48 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. यह पूरे सिस्टम की विफलता है. Gujarat High Court AMC reprimand
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से गुजरात हाईकोर्ट कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. Gujarat High Court AMC reprimand
इससे पहले हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने रूपाणी सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि असलियत और सरकारी दावे में भारी अंतर दिखाई दे रहा है.
इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट केंद्र सरकार के फंड से बनाए जा रहे हैं. राज्य सरकार अपने खर्च पर ऑक्सीजन प्लांट क्यों नहीं लगा सकती है?
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