अहमदाबाद: गांधी आश्रम के पुनर्विकास को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. गांधी आश्रम के पुनर्विकास को हाईकोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद गांधी आश्रम के आसपास के क्षेत्र का पुनर्विकास किया जा सकता है. तुषार गांधी ने गांधी आश्रम के पुनर्विकास को रोकने के लिए याचिका दायर की थी. लेकिन हाई कोर्ट ने प्रोजेक्ट को लेकर एक अहम टिप्पणी की है.
आपको बता दें कि इससे पहले गांधी आश्रम के पुनर्विकास परियोजना पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में एक अर्जी दी गई थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यह अच्छी बात है कि गांधी के विचारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने याचिका दायर शंका जताई थी कि यह परियोजना साबरमती आश्रम की भौतिक संरचना को बदल देगी और इसकी प्राचीन सादगी को खराब कर देगी. जो गांधीजी की विचारधारा को मूर्त रूप देता है और विस्तृत करता है. यह आश्रम के महत्वपूर्ण गांधीवादी सिद्धांतों के विपरीत है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी लंबे समय तक अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में रहे और देश के स्वतंत्रता आंदोलन को यहीं से चलाते रहे थे.
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