अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में मौजूद आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जेल की हवा खा रहे आसाराम की जमानत याचिका को गुजरात हाईकोर्ट ने एक बार फिर से खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि आसाराम बापू को जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि यदि वो बाहर आए तो उनके अनुयायी बड़ी संख्या में मिलने पहुंच सकते हैं और इससे कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा होगा. इतना ही नहीं कोर्ट जमानत याचिका इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि इससे पहले भी इसी आधार पर जमानत की मांग की गई थी.
जमानत याचिका को लेकर आसाराम के वकीलों की दलील थी कि वह पहले से ही कई बीमारियों से पीड़ित हैं और उनकी उम्र भी काफी ज्यादा है. जिसकी वजह से वह जल्दी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. इसलिए उन्हे जमानत दी जाए. लेकिन कोर्ट ने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया.
इससे पहले भी आसाराम ने 30 मार्च को जमानत के लिए आवेदन किया था. लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया था आज एक बार फिर उसकी जमानत अर्जी कोर्ट ने दोनों याचिकाओं में जमानत की एक ही कारण की वजह से खारिज कर दी.
गौरतलब हो कि इससे पहले बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी भी आसाराम के रिहाई की वकालत कर चुके हैं. नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जेल की हवा खा रहे आसाराम की अधिक उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए स्वामी ने उसकी रिहाई की मांग की थी
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