गांधीनगर: एशियाई शेर सिर्फ गुजरात में रहते हैं इसीलिए गुजरात को देश का शान माना जाता है. राज्य सरकार भी शेरों की सुरक्षा के लिए काफी कुछ कर रही है. लेकिन पिछले कुछ समय से शेर मर रहे हैं, जो चिंता का विषय बन गया है. शेरों की मौत का विधानसभा में एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है.
प्रश्नकाल के दौरान सावरकुंडला के विधायक प्रताप दुधात द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि राज्य में पिछले दो साल में 283 शेरों की मौत हुई है. यह पता चला है कि उनमें से 29 की मौत दुर्घटना के कारण हुई थी. जबकि पिछले दो साल में स्वाभाविक रूप से 254 शेरों की मौत होने का खुलासा हुआ है.
कांग्रेसी विधायक के सवाल पर सरकार ने जो जवाब पेश किया उससे हड़कंप मच गया है. आपको बता दें कि गिर अभयारण्य में पिछले दो साल में 72 शेरों की मौत हो चुकी है. विधायक प्रताप दुधात के एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि गिर अभयारण्य में फिलहाल 345 शेर हैं. सरकार ने पिछले दो वर्षों में 24 बाघों की मौत की भी सूचना दी है. इतना ही नहीं 2 साल में 5 तेंदुओं की अस्वाभाविक मौत होने की भी जानकारी दी गई.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक गौरतलब है कि साल 2018 में 59 शेरों की मौत हुई जबकि साल 2019 में 79 शेरों की मौत हुई. इनमें से 11 शेरों की मौत अस्वाभाविक रूप से हुई है. इसी तरह 2018 में 54 शेर शावकों की मौत हुई जबकि 2019 में 69 शावकों की मौत हुई. जिनमें से 6 की अस्वाभाविक मौत होने की जानकारी गुजरात सरकार की ओर से विधानसभा में दी गई है.
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