गांधीनगर: कोरोना पर काबू पाने के लिए पिछले साल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगा दिया था. लॉकडाउन का समयसीमा बार-बार बढ़ाए जाने पर भूख और प्यास से परेशान प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गांव निकल गए थे. इस दौरान कई जगहों पर प्रवासी मजदूरों ने घर जाने की मांग को लेकर हंगामा भी किया था. गुजरात में भी प्रवासी मजदूरों ने घर जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. जिसकी वजह से कई प्रवासी मजदूरों पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. लेकिन अब रूपाणी सरकार ने तमाम केस को वापस लेने का फैसला किया है. Gujarat migrant labor case return
घर वापसी की मांग को लेकर प्रवासी मजदूरों ने पिछले साल किया था हंगामा Gujarat migrant labor case return
कोरोना की पहली लहर के दौरान लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान हजारों की संख्या में मजदूर शहरों को छोड़कर अपने गांव की ओर रवाना हो गए थे. साधन नहीं मिलने की वजह से कुछ मजदूर पैदल ही निकल गए थे. वहीं कुछ प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की मांग को लेकर हंगामा किया था. पुलिस ने तालाबंदी का उल्लंघन करने के आरोप में श्रमिकों के खिलाफ केस दर्ज किया था. मिल रही जानकारी के अनुसार गुजरात पुलिस ने 725 प्रवासी मजदूरों के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज किया था. Gujarat migrant labor case return
700 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों पर लॉकडाउन उल्लंघन का दर्ज हुआ था केस
पुलिस द्वारा दर्ज लगभग 200 केस का कोर्ट में फैसला हो चुका है. प्रवासी मजदूरों पर दर्ज 500 से ज्यादा केस अभी भी लंबित हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार ऐसे केसों को रूपाणी सरकार वापस लेगी. अगर सरकार ऐसा करेगी तो प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिलेगी. इतना ही नहीं मजदूरों को कोर्ट का चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा. Gujarat migrant labor case return
गौरतलब है कि पिछले साल गुजरात कई हिस्सों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों घर वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गया था. लॉकडाउन के बीच सूरत शहर में घर वापस लौटने की मांग को लेकर सैकड़ों मजदूर पर सड़क पर उतर आए थे. इन मजदूरों ने शहर के लक्साना इलाके में ठेलों और टायरों में आग लगा कर हंगामा किया था. इस घटना के संबंध में पुलिस ने 80 लोगों को गिरफ्तार किया था. Gujarat migrant labor case return
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