गांधीनगर: बीते दिनों मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक में मछुआरों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था. इस फैसले के तहत चक्रवाती तूफान तौकते की वजह से हुए व्यापक नुकसान से तटीय नाविकों और मछुआरों के पुनर्वास के लिए राज्य में 105 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. लेकिन अब गुजरात के मत्स्योद्योग राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी ने आरोप लगाया कि मछुआरों को पर्याप्त मदद नहीं मिली. Gujarat minister allegation
गुजरात के मत्स्योद्योग राज्यमंत्री का आरोप
गुजरात के मत्स्योद्योग राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी ने कहा, “तूफान के समय मैं खुद ऊना में था. मैंने तूफान की वजह से पैदा हुई स्थिति को काफी नजदीक से देखा था. सरकार ने भी कड़ी मेहनत की है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी खुद ऊना आए और पैदा हुई स्थिति को देखकर राहत पैकेज की घोषणा किया. गुजरात सरकार ने यथासंभव मदद की कोशिश की है. लोगों का कहना है कि पूरे गांव को सोने का बना दिया जाए यह संभव नहीं है. पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है और उतना देने में सक्षम नहीं है. यह एक प्राकृतिक तूफान था. इसके आगे किसी का कुछ भी नहीं चलता.” Gujarat minister allegation
मछुआरों को पर्याप्त सहायता नहीं मिली Gujarat minister allegation
पुरुषोत्तम सोलंकी ने आगे कहा कि सहायता पैकेज की घोषणा के बाद से इसे लागू नहीं किया जा रहा है. मुश्किल समय में मछुआरे को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है. मछुआरों के साथ अन्याय हो रहा है. Gujarat minister allegation
मछुआरों के लिए 105 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का किया ऐलान
गुजरात में भयंकर तबाही मचाने वाला चक्रवाती तूफान की वजह से मछली पकड़ने वाली नौकाओं, फाइबर बोट और ट्रोलर के साथ ही साथ मछुआरों का कच्चे-पक्के मकान को काफी नुकसान हुआ था. राज्य सरकार मछुआरों को राहत देने के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया था. राज्य सरकार ने 25 करोड़ रुपया नाव, ट्रॉलर और मछली पकड़ने का जाल आदि को हुए नुकसान के लिए देने का फैसला किया था. इतना ही नहीं 80 करोड़ रुपये फिश पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत के लिए देने का फैसला किया गया है. Gujarat minister allegation
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