अहमदाबाद: बोटाद जिला में कैबिनेट मंत्री प्रदीप परमार का विश्वास से विकास कार्यक्रम निष्फल साबित हुआ. कार्यक्रम के विफल होने के पीछे दो कारण माने जा रहे हैं, एक बोटाद की जनता यह मान रही है कि भाजपा अयोग्य नेताओं को आगे बढ़ा रही है. कार्यक्रम की जिम्मेदारी एक ऐसे नेता को दी गई, जिनका नाम अहमदाबाद असरवा सर्किट हाउस के बाहर किसी ने नहीं सुना है. दूसरा कारण आत्माराम परमार जैसे वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करना, जानकारी के अनुसार बोटाद जिले के एकमात्र वरिष्ठ एवं दलित जन नेता आत्माराम परमार कार्यक्रम के दौरान अनुपस्थित रहे.
सामाजिक न्याय कल्याण मंत्री प्रदीप परमार को बोटाद में विश्वास से विकास कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हालांकि, उनके कार्यक्रम की असफलता ने उन्हें और पार्टी दोनों को ही शर्मसार कर दिया है. प्रदीप परमार ने कार्यक्रम की विफलता के लिए आयोजक अधिकारियों पर दोष मढ़ने की कोशिश की. कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने उनसे पूछा कि बोटाद में आपके कार्यक्रम में कुर्सियां खाली क्यों रह गई थी? क्या बीजेपी ने बोटाद में कोई विकास कार्य नहीं किया है? पहले तो वह इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए और केवल मुस्कुराते हुए वहां से निकलने की कोशिश की, लेकिन जब दूसरी बार पत्रकारों ने घेर लिया और सवाल किया तो जवाब देने के बजाय कार्यक्रम के प्रबंधन में खराबी और इसके आयोजन में लगे अधिकारियों के सिर पर दोष मढ़ दिया.
प्रदीप परमार के कार्यक्रम में कुछ गिने-चुने लोग ही आए . जिसकी वजह से खाली कुर्सियों को भाषण देकर उनको रवाना होना पड़ा. कार्यक्रम की विफलता लोगों के सामने न आए इसलिए पत्रकारों को उसका वीडियो और फोटो भी नहीं लेने दिया गया. लेकिन लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है.
सोशल मीडिया हैंडल पर कार्यक्रम का वीडियो शेयर किया जा रहा है. ऐसा भी लिखा गया है,”बोटाद जिले के लोग भाजपा के विकास को जान गए हैं. लोगों के टैक्स के पैसों से इस तरीके से कार्यक्रम को करना बंद करो, विश्वास से विकास कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री की मौजूदगी के बाद भी कुर्सियां खाली मिलीं. पत्रकारों को बोटाद शहर के मार्केटिंग यार्ड में खाली कुर्सियों की तस्वीरें लेने से भी रोक दिया गया था. इसे कैबिनेट मंत्री के कार्यक्रम का फ्लॉप होने का सबूत माना जा रहा है.
गौरतलब है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द ही की जाएगी. गुजरात में आम आदमी पार्टी चुनाव में पूरी ताकत से प्रचार कर रही है. आम आदमी पार्टी ने सूरत में अपनी सियासी जमीन तैयार कर लिया है. चर्चा यह भी चल रही है कि आप के मुख्य नेता गोपाल इटालिया बोटाद से चुनाव लड़ सकते है. इसके अलावा बोटाद सीट पर कांग्रेस की मौजूदगी को भी भूला नहीं जा सकता है.
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