गांधीनगर: कांग्रेस के ‘चाणक्य’ अहमद पटेल की मृत्यु के बाद इसका नुकसान पार्टी को हमेशा रहेगा. इतना नहीं राज्यसभा में भी कांग्रेस को नुकसान हुआ है. Gujarat Rajya Sabha seat
2017 के राज्यसभा चुनावों में भाजपा अहमद पटेल को हारने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगाया था. बावजूद इसके भाजपा को नाकामी हाथ लगी थी.
हालांकि अहमद पटेल के निधन पर भाजपा की नजर इस सीट पर एक बार फिर टिक गई है. भाजपा दिसंबर में राज्यसभा चुनाव कराने की कवायद शुरू की है.
खाली हुई सीट पर चुनाव कराने की कवायद तेज Gujarat Rajya Sabha seat
2017 में राज्यसभा चुनावों के दौरान, भाजपा ने कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को हराने के लिए कड़ा संघर्ष किया. राज्यसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था.
बावजूद इसके कांटे की टक्कर के बाद अहमद पटेल के हाथों कामयाबी हासिल हुई थी. भाजपा के “चाणक्य” और तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अहमद पटेल को हरा पाने में कामयाब नहीं हुए थे.
अहमद पटेल को कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता था. उन्होंने कांग्रेस को कई कठिन परिस्थितियों से बचाया. अहमद पटेल के निधन होने पर भाजपा राज्यसभा चुनाव जीतने के मूड में है.
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बिहार के साथ हो सकता है चुनाव Gujarat Rajya Sabha seat
माना जाता है कि बिहार के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए चुनाव दिसंबर में हो सकते हैं.
इसलिए भाजपा ने उसी दिन गुजरात की खाली राज्यसभा सीट पर चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग का ध्यान दिलाया है.Gujarat Rajya Sabha seat
उल्लेखनीय है राज्यसभा में अहमद पटेल के साथ गुजरात के 4 सदस्य थे. लेकिन अब 3 सदस्य बचे हैं जिसमें शक्ति सिंह गोहिल, नारन राठवा और अमी याग्निक का नाम शामिल है.
वहीं भाजपा की ओर से अभय भारद्वाज, रामिलाबेन वारा, नरहरी अमीन, पुरुषोत्तम रूपाला, मनसुख मांडविया, एस जयशंकर और जुगलजी ठाकोर गुजरात से जीत हासिल कर राज्यसभा में पहुंच चुके हैं.
खाली हुई गुजरात की एक राज्यसभा सीट पर अगर दिसंबर में चुनाव होता है तो संख्या बल के हिसाब से भाजपा के उम्मीदवार को कामयाबी हासिल होगी. Gujarat Rajya Sabha seat
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