गांधीनगर: गुजरात में हर दिन कोरोना अपना भयानक रूप दिखा रहा है. अहमदाबाद-सूरत-राजकोट-वड़ोदरा जैसे बड़े शहरों की हालत बद से बदतर होती जा रही है.
एक तरफ कोरोना के दैनिक मामले रॉकेट की गति से बढ़ रहे हैं. वहीं ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मर रहे हैं. शहर के बाद अब कोरोना गुजरात के ग्रामीण इलाकों में भी अपना कहर बरपा कर रहा है.
जिसकी वजह से गुजरात की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. राज्य में हो रही मौतों ने गुजरात मॉडल की हवा निकाल दी है.
गुजरात असहाय, अनाथ और बेसहारा हो गया है जिसकी वजह से कोरोना संक्रमित भगवान के भरोसा पर जी रहे हैं. Gujarat Rural Hospital Oxygen Deficiency
ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी Gujarat Rural Hospital Oxygen Deficiency
मिल रही जानकारी के अनुसार, वलसाड की सिविल अस्पताल पर भी दबाव बढ़ गया है. दैनिक मामलों में दर्ज की जाने वाली भारी वृद्धि से अब सिविल अस्पताल हाउसफुल हो गया है.
सिविल अस्पताल हाउसफुल होने की वजह से लोगों को अब सड़क पर इलाज कराने की बारी आई है. इतना ही नहीं वलसाड सिविल के सामने 108 एम्बुलेंस की लंबी लाइनें दिखाई दे रही हैं.
जानकारी ऐसी मिल रही है कि पुलिस कोरोना संक्रमित मरीजों को सिविल ले जाने वाली एम्बुलेंस को रोक रही है. Gujarat Rural Hospital Oxygen Deficiency
गुजरात के ज्यादातर अस्पताल हाउसफुल
शुक्रवार शाम सिविल अस्पताल के बाहर 108 और एंबुलेंस की लंबी लाइन लगी हुई नजर आई. Gujarat Rural Hospital Oxygen Deficiency
सिविल अस्पताल हाउसफुल होने की वजह से पुलिस ने शहर में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों पर नाकाबंदी कर दी है. इतना ही नहीं पुलिस एम्बुलेंस में आने वाले रोगियों को सिविल अस्पताल में जाने से रोक भी रही है. वलसाड सिविल का 400 बेड वाला अस्पताल फुल होने पर मरीजों को रास्ते पर इलाज करवना पड़ रहा है.
गुजरात के शहरों के बाद ग्रामीण इलाकों में कोरोना का कहर बढ़ने लगा है. सरकारी अस्पतालों के साथ ही साथ निजी अस्पताल और छोटे शहरों में मौजूद अस्पताल भी हाउसफुल हो गए हैं.
बनासकांठा के पालनपुर सहित सभी छोटे शहरों के अस्पतालों में बेड की कमी की जानकारी सामने आ रही है.
अस्पतालों में बडे के बाद अब ऑक्सीजन की कमी की वजह से अफरा-तफरी मच गई है. Gujarat Rural Hospital Oxygen Deficiency
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